क्रिसमस विशेष: दो अमेरिकी नर्सों की सेवा और ब्रिटिश शासन से शुरू हुई एमपी के चर्चों की कहानी

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छतरपुर : देश दुनिया में आज क्रिसमस धूमधाम से मनाया जा रहा है, वहीं मध्य प्रदेश के नौगांव और छतरपुर में ऐसे ऐतिहासिक चर्च मौजूद हैं जहां क्रिसमस के मौके पर क्रिश्चियन समाज के लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं. अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बनाए गए ये विशालकाय चर्च आज भी नौगांव और छत्तरपुर में अपने इतिहास की गवाही देते हैं.

आजादी के पहले बने थे छतरपुर के चर्च

ब्रिटिश हुकूमत में नौगांव के चर्च की स्थापना अंग्रेजों द्वारा की गई थी, तो वहीं छतरपुर में चर्च स्थापित करने के लिए मसीह समाज को छत्तरपुर के तत्कालीन महाराज के द्वारा जमीन दान की गई थी. आजादी के पहले चर्च की देखभाल अंग्रेज करते थे, वहीं बाद में मसीह समाज ये जिम्मेदारी निभा रहा है. छतरपुर शहर के महोबा रोड पर बने ब्रिटिश काल के चर्च का नाम मित्र कलीसिया है, इसकी स्थापना लगभग 95 साल पहले हुई थी. इसकी कहानी दो अमेरिकी नर्सों से जुड़ी हुई है.

अमेरिका से छतरपुर आईं थी दो नर्स और फिर बना कलीसिया

छतरपुर के कलीसिया चर्च के बनने की कहानी अमेरिका से आई दो मिशनरी नर्सों से जुड़ी बताई जाती है. अमेरिका से आई दो अमरिकन मिशनरी द्वारा पहले छतरपुर में एक क्लीनिक का संचालन किया जाता था. कहा जाता है कि उस दौरान नर्सों ने लोगों को अपने सेवाभाव से काफी प्रभावित किया था, जिसके बाद जनता की मांग पर छतरपुर के तत्कालीन महाराजा भवानी सिंह ने उन्हें जमीन दान में दे दी थी. इसके बाद उसी जमीन पर चर्च बनाया गया.

भारत की आजादी के पहले छतरपुर के इस चर्च का संचालन अमेरिकन मिशनरी द्वारा किया जाता था, जिसका इतिहास के पन्नो में जिक्र मिलता है. इतिहासकार शंकर लाल सोनी के अनुसार, '' भारत की आजादी के बाद 1955 में अमरिकन मिशनरी द्वारा भारतीय मसीही समाज को छतरपुर का चर्च सुपुर्द कर दिया गया था, इसके बाद से लगातार छतरपुर का मसीही समाज कलासिया चर्च की देखरेख कर रहा है.''

अंग्रेजी हुकूमत में बना नौगांव छावनी का चर्च

छतरपुर जिले का नौगांव कभी अंग्रेजी हुकूमत की छावनी हुआ करता था, लोग आज भी नौगांव को छावनी के नाम से ही जानते हैं. नौगांव में भी एक चर्च बना हुआ है, जो ब्रिटिश काल से यहां मौजूद है. इस चर्च को 1869 के आसपास अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया था. उस दौर में नौगांव छतरपुर रियासत की राजधानी और एक प्रमुख सैनिक छावनी हुआ करता था. यह चर्च आज भी मौजूद लेकिन यह क्षेत्र भारतीय सेना के अधीन है.

छतरपुर में थे मसीह समाज के पांच चर्च

मसीह समाज के जानकार प्रभु शरण बताते हैं, '' छतरपुर जिले में बुन्देलखंड मसीह मित्र समाज के 5 चर्च हुआ करते थे, जिसमें छतरपुर, नौगांव सिटी चर्च, घुवारा चर्च, बिजावर बाजार चर्च और एक हरपालपुर का प्रार्थना स्थल शामिल था, पर अब ये बंद हो चुके हैं. हरपालपुर में भी कभी हुआ करता था जो बन्द हो गया है. नौगांव का चर्च ब्रिटिश आर्मी के लिए बनाया गया था लेकिन पहले उसकी देखरेख मसीह समाज करता था. छतरपुर का चर्च 1930-31 के आसपास बना था.''

क्या कहते हैं इतिहासकार?

छतरपुर जिले के इतिहासकार शंकर लाल बताते हैं, '' छतरपुर ओर नौगांव के चर्च का इतिहास पुराना है, छतरपुर में आई दो अमरीकी नर्सों ने इसकी शुरुआत एक क्लीनिक से की थी, बाद में महाराज भवानी सिंह ने उन्हें ये जगह दान में दे दी. धीरे-धीरे चर्च बना और फिर क्रिश्चियन समाज के लोग यहां स्थापित होते चले गए.''