भोपाल: शादी के बाद आमतौर पर नवविवाहित जोड़े हनीमून पर जाते हैं. जिसके लिए वे पहले से कोई टूरिस्ट प्लेस, बर्फीली वादियां या प्राकृतिक सुंदरता से भरी जगहों का चुनाव करते हैं. हालांकि कई कपल ऐसे भी होते हैं, जो शादी के तुरंत बाद पहले किसी फेमस तीर्थ स्थान पर जाते हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के बेटे और बहू ने इन सबसे से हटकर अलग ही यात्रा पर निकले हैं. वे किसी हनीमून या धार्मिक स्थल पर नहीं बल्कि कुछ और बड़े काम पर निकले हैं. जानिए शादी के तुरंत बाद कहां पहुंचे डॉक्टर अभिमन्यु और इशिता यादव.
नर्मदा परिक्रमा पर CM के बेटे-बहू
शादी के बाद न्यूली मैरिड कपल जहां हनीमून मनाने और दूसरी जगहों की खोज करते हैं. ऐसे में मोहन यादव के डॉक्टर बेटे और बहू सनातन धर्म को करीब से समझने निकले. जिसके लिए उन्होंने नर्मदा परिक्रमा करने का फैसला किया.
नवदंपति के साथ उनके परिवार के कई सदस्य जैसे बड़े भाई वैभव और उनकी पत्नी, बड़ी बहन और जीजाजी भी साथ में मौजूद हैं. यह यात्रा 22 दिसंबर से शुरू हुई है, जो 15 दिनों में पूरी होगी. विशेष वाहन से नर्मदा परिक्रमा पूरी करेंगे.
नर्मदा परिक्रम से पहले डॉ. अभिमन्यु और डॉ. इशिता सिर पर कलश रखकर नंगे पैर ओंकारेश्वर के ब्रह्मपुरी घाट पर पहुंचे. इस दौरान अभिमन्यु ने सफेद कुर्ता-पायजामा और इशिता ने ऑफव्हाइट कलर की साड़ी पहनी थी. इशिता ने सिर पर लाल रंग का जोड़ा भी रखा था.
सीएम के बेटे-बहू ने परिक्रमा शुरू करने से पहले ब्रह्मपुरी घाट पर मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की. इसके बाद नर्मदा परिक्रमा का संकल्प लिया. ब्राह्मणों को भोज कराया. इसके बाद सभी साधु-संतों का आशीर्वाद लिया.
इस यात्रा को डॉ. अभिमन्यु ने धर्म यात्रा बताया है. उन्होंने बताया कि हमने इस यात्रा को श्रद्धा और भगवान पर छोड़ दिया है. मेरे संस्कार मुझे और मेरे परिवार को हमेशा धर्म से जोड़ते हैं.
बताते चलें 30 नवंबर को डॉ. अभिमन्यु और इशिता उज्जैन में ही विवाह बंधन में बंधे थे. उनकी शादी काफी चर्चाओं में रही थी. सीएम मोहन ने बेटे अभिमन्यु की शादी सामुहिक विवाह सम्मेलन से की थी.
इस सम्मेलन में 21 जोड़ों ने सामुहिक विवाह किया था. शिप्रा नदी के तट पर संपन्न हुई इस शादी में VIP व्यवस्था नहीं थी. यहां तक कि दूल्हा-दुल्हन ने गिफ्ट लेने से भी मना कर दिया था.
आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर नवदंपति नर्मदा परिक्रमा पर क्यों गए, इसका क्या महत्व है. बताते चलें मध्य प्रदेश में नर्मदा का बहुत महत्व है. नर्मदा एकमात्रा ऐसी नदी है, जो उल्टी दिशा में बहती है. इसका उद्गम स्थल अमरकंटक है, जहां से शुरू होकर गुजरात के खम्भात की खाड़ी में समा जाती हैं.
माना जाता है कि नर्मदा परिक्रमा की यात्रा आत्म-बोध, शांति और भगवान से मिलाने की और ले जाती है. जो भोग और योग के बीच संतुलन बनाना सिखाती है. सदियों से साधना, तप, संयम और जीवन-दर्शन का प्रतीक मानी जाती है. नर्मदा परिक्रमा अलग-अलग तरह से होती है.
इससे पहले कई बड़ी हस्तियां नर्मदा परिक्रमा कर चुकी हैं. साल 2017-18 में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 3300 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा की थी. जो 6 महीने में पूरी हुई थी.
कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल भी नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं. ईटीवी भारत संग बातचीत में उन्होंने नर्मदा परिक्रमा के अपने अनुभवों की साझा भी किया था.
अभिमन्यु और इशिता से पहले मंत्री प्रहलाद पटले की बेटी प्रतिज्ञा सिंह भी नर्मदा परिक्रमा पर निकलीं. वे 15 दिसंबर से 1330 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा के लिए पैदल निकली हैं.
वहीं 24 दिसंबर 2025 को ओंकारेश्वर धाम में दर्शन करने आईं बीजेपी सांसद व अभिनेत्री कंगना रनौत ने हेलीकॉप्टर से नर्मदा परिक्रमा की.









