भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर से मप्र के 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को हवाई यात्रा की सौगात देने जा रही है। एक बार में 32 तीर्थयात्रियों को एक साथ इस योजना का लाभ मिल सकेगा। इससे अधिक आवेदन आने पर कम्प्यूटराइज्ड लाटरी निकाली जाएगी। यात्रा के दौरान बुजुर्ग को निजी सहायक ले जाने की अनुमति नहीं रहेगी। यात्रियों का चेक इन बैग 15 किलो और हैंड बैग 115 सेंटीमीटर आकार से बड़ा हुआ, तो एयरलाइन अतिरिक्त सामान शुल्क लेगा, जो यात्री को खुद देना पड़ेगा। यात्रा के दौरान यात्रियों को ओरिजनल आधार कार्ड रखना होगा। मध्यप्रदेश के तीर्थयात्रियों को हवाईजहाज से तीर्थ यात्रा कराने के लिए प्रदेश सरकार ने पहले चरण में उन स्थानों का चुनाव किया है जिनके करीब पहले से ही हवाई जहाज से जाने और आने की सुविधा उपलब्ध है।
कलेक्टर करेंगे चयन
यात्रा 21 मई से शुरू होकर 17 जुलाई तक चलेगी। राज्य शासन ने 25 जिलों के कलेक्टरों से यात्रा की तैयारी शुरू करने को कहा है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा करने के लिए जिले के कलेक्टर के पास आवेदन करना होगा। निर्धारित संख्या से अधिक आवेदन आने पर कलेक्टर लाटरी से तीर्थयात्रियों का चयन करेंगे।
पिछले वर्ष की थी घोषणा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 दिसंबर, 2022 को बुजुर्गों को हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा कराने की घोषणा की थी। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने गुरुवार को नियम और यात्रा की समय सारणी जारी कर दी है। हवाई जहाज से यात्रा के लिए एक परिवार से एक ही आवेदन लिया जाएगा। यहां तक कि पति-पत्नी भी एक साथ नहीं जा सकेंगे। वायुयान में 32 यात्रियों की देखरेख के लिए एक अनुरक्षक (सरकारी कर्मचारी) रहेगा। यात्रा के लिए सरकार ने आरआरसीटीसी से अनुबंध किया है।
15 दिन पहले मिलेंगे एयर टिकट
यात्रियों को यात्रा से 15 दिन पहले एयर टिकट जारी किए जाएंगे। उन्हें वायुयान के डिपार्चर टाइम से तीन घंटे पहले हवाई अड्डे पर पहुंचना होगा। यात्रा की पूरी जिम्मेदारी आइआरसीटीसी की होगी, वह तीर्थस्थल पर भोजन, चाय, नाश्ते, हवाई अड्डे से लाने-ले जाने, ठहरने की व्यवस्था करेगा, पर हवाई अड्डा और वायुयान में भोजन या नाश्ता नहीं देगा। यात्रियों को एक दिन में दो मिनरल वाटर की बोतलें मिलेंगी। यात्रियों का चयन जिले के कलेक्टर करेंगे। जिस हवाई अड्डे से यात्रा प्रारंभ होगी, उसी पर वापस छोड़ने का जिम्मा जिला प्रशासन का होगा।