मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार और रिश्वत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। आए दिन अलग अलग जिलों में लोकायुक्त की टीम द्वारा कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में आज शुक्रवार सुबह आगर मालवा जिले में उज्जैन लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने मध्य प्रदेश के आगर मालवा में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर रमेश चंद्र कुरील को लोकायुक्त पुलिस ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
सीएमएचओ ने डॉक्टर से मांगी रिश्वत
लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि लोकायुक्त एसपी उज्जैन को आगर मालवा में पदस्थ डॉक्टर भगवानदास राजोरिया की ओर से शिकायत मिली थी. डॉक्टर राजोरिया ने बताया था कि वे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत संविदा के रूप में आगर मालवा में पदस्थ हैं. यहां पर कार्य की अच्छी रिपोर्ट बनाने और परेशान नहीं करने के नाम पर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी रमेशचंद्र कुरील उनसे 20 हजार की रिश्वत मांगी गई है. लोकायुक्त पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल कर शिकायत के बारे में पूरे तथ्य एकत्रित किए. इसके बाद शुक्रवार सुबह जाल बिछाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया. निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आरोपी चिकित्सक को गिरफ्तार करने के बाद जमानत पर रिहा भी कर दिया गया है.
पहले मांगे थे 20000 फिर 10000 में हुए सहमत
लोकयुक्त टीम के अनुसार, आवेदक भगवानदास राजोरिया शिशु रोग विशेषज्ञ ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जेन संभाग अनिल विश्वकर्मा को दिनांक 12 जून को आवेदन प्रस्तुत किया था मैं संविदा पर आगर जिला अस्पताल मे नियुक्त हूं। सीएमएचओ द्वारा मेरे विरुद्ध कोई लिखा-पढ़ी ना करने के लिए 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है, टीम ने जांच में इसे सही पाया, इसके बाद 15 जून को आवेदक राजोरिया ने बात की तो कुरील 10000 रुपये लेने पर सहमत हो गए। योजना के अनुसार, जैसे ही राजोरिया ने 10000 रुपये उनके शासकीय आवास पर पहुंचकर सीएमएचओ कुरिल को दिए तो लोकायुक्त टीम ने उनको तत्काल रंगे हाथ पकड़ लिया।