Indore Crime News: मध्यप्रदेश के इंदौर में व्यापम जैसे बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह मध्यप्रदेश में रह कर देश के कई राज्यों में फर्जी मार्कशीट बनाकर ओनेपोने दाम पर बेचता था। पुलिस ने इस गिरोह के दो सरगना को गिरफ्तार किया है। फर्जी मार्कशीट का यह धंधा पिछले पांच साल से चल रहा था। पुलिस को दी गई जानकारी के मुताबिक फर्जीवाड़ा करने वाला ये गिरोह अभी तक एक एक हजार से ज्यादा फर्जी मार्कशीट बना चुका है। विजय नगर पुलिस ने झारखंड के रांची से इस गिरोह के दो सरगना को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी पहले ऑनलाइन डेटा निकलाते थे। वहीं गिरोह का दूसरा सरगना फर्जी मार्कशीट बनाकर उन्हें सप्लाई करता था। पुलिस दोनों आरोपियों को 6 दिन की रिमांड लेकर इस गिरोह के अन्य सदस्य की जानकारी जुटा रही है।
हर मार्कशीट की डिमांड और ग्राहक के हिसाब से
आरोपी ज्यादातर ऐसे शिकार की तलाश करते थे और उन्हें ऐसे यूनिवर्ससिटी की मार्कशिट बनाते थे जिसका वेसाईट पर कोई रिकॉर्ड आसानी से नहीं मिल पाए। हर मार्कशीट की डिमांड और ग्राहक के हिसाब से दाम लिए जाते थे। विजय नगर थाना प्रभारी रविन्द गुर्जर ने बताया कि अगस्त महीने में इस गिरोह के कुछ सदस्यों की गिरफ्तरी के बाद आरोपियों की निशान देही और मोबाइल से मिली जानकारी के बाद कुछ दिनों पहले विजय नगर पुलिस ने रांची में छापा मारकर इस गिरोह के दो मुख्य सरगना मुकेश पिता शम्भूसिंग और आनंद पिता चन्द्र शेखर को गिरफ्तार किया है। आरोपी माध्यमिक शिक्षा मंडल दिल्ली सहित प्रदेश के कई राज्यों की मार्कशीट बनाता था । दोनों आरोपियों के अपने अपने अलग अगल काम होते थे। मुकेश नाम का आरोपी ऑनलाइन डेटा एकत्र करता था और ऐसे व्यक्तियों से सम्पर्क बनता था जिन्हें मार्कशीट बनानी हो या जो दूसरे शहरो में रह कर इन्हें ग्राहक दे सकते हों। डेटा मिल जाने के बाद गिरोह का दूसरा साथी आनंद अपने घर में बेठ एमबीबीएस, बी. फार्मा बी-फार्मा, डी-फार्मा से लेकर 10वीं-12वीं सहित किसी भी क्लास या डिमांड के हिसाब से इन मार्क शीट को बना देते थे।
ऐसे हुआ था खुलासा
आरोपी अधितर ऐसे शिकार की तलाश करते थे और उन्हें ऐसे यूनिवर्ससिटी की मार्कशिट बनाते थे जिसका वेसाईट पर कोई रिकॉर्ड आसानी से नहीं मिल पाए। हर मार्कशीट की डिमांड और ग्राहक के हिसाब से दाम लिए जाते थे। डीसीपी अभिषेक आनंद के अनुसार अगस्त महीने में विजय नगर पुलिस ने एक अंतरराज्यीय फर्जी मार्कशीट गिरोह के कुछ सदस्य पकडे़ थे जिसमें आरोपी दिनेश पिता सेवक राम तिरोले और उसका अन्य साथी मनीष राठौर निवासी उज्जैन को गिरफ्तार किया गया था। दोनों आरोपियों के पास से आरोपी 8वीं, 10वीं, बीए.एमएस बीएचएमएस, लैब टेक्नीशियन, एम.फार्मा, डी.फार्मा सहित कई तरह की मार्कशीट भी बरामद हुई थी। आरोपियों द्वारा मार्कशीट्स को दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान सहित अन्य प्रांतों में भी बेचा जाता था।