राजा पटेरिया मामले में मप्र कांग्रेस के मतभेद हुए उजागर, कमल नाथ खिलाफ तो गोविंद सिंह समर्थन में उतरे

0
395

भोपाल ।  कार्यकर्ताओं से संविधान को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या के लिए तत्पर रहने के लिए कहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को लेकर पार्टी के मतभेद सामने आ गए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ जहां उनके इस बयान को लेकर नाराज हैं। उनके निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी नेे पटेरिया को नोटिस देेकर जवाब तलब कर लिया है। तीन दिन में यदि वे उत्तर नहीं देते हैं या वह संतोषप्रद नहीं पाया जाता है तो उनकी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जा सकता है।

363c7448 f05d 4443 a5b2 47d49c4059eb

उधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह खुलकर बचाव में सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा कि पटेरिया ने गलत नहीं कहा है। उनके कहने का मतलब मोदी को चुनाव हराना था। सरकार ने दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की है, जिसका मैं विरोध करता हूं। डा.सिंह को मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का समर्थक माना जाता है। वे कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान देते आए हैं। पटेरिया के मामले में भी उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ और पार्टी के मत से अलग जाकर पटेरिया का समर्थन किया है। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि पटेरिया ने गलत नहीं कहा। उनके कहने का गलत अर्थ निकाला गया। उन्होंने मोदी को चुनाव हरानेे के संंदर्भ में बात कही थी, इंटरनेट मीडिया में प्रसारित वीडियो में भी स्पष्ट सुना जा सकता है। इसके बाद भी सरकार ने जिस दुर्भावनापूर्ण तरीके से कार्रवाई की और मंगलवार को सुबह गिरफ्तार कर लिया, इसका मैं विरोध करता हूं और पूरी ताकत से पटेरिया के साथ खड़ा हूं। अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ना मेरा काम है। उल्लेखनीय है कि पटेरिया दिग्विजय सरकार में मंत्री थे। उधर, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने राजा पटेेरिया को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है। इसमें कहा गया कि पवई में कार्यकर्ताओं की बैठक में प्रधानमंत्री के बारे में बहुत ही आपत्तिजनक और निंदनीय शब्दों का प्रयोग किया गया। यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है क्यों न आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाए।

सोेनिया,राहुल सहित कांग्रेस नेता मौन क्यों

गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री की हत्या करने संबंधी बयान से जुड़ा मामला है, लेकिन कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मौन हैं। अभी तक इस गंभीर मामले में कोई बयान तक सामने नहीं आया है। पटेरिया ने स्पष्टीकरण में कहा कि मेरा मतलब चुनाव हराने से है, अब हिंदी के शब्दकोष में हत्या का मतलब हार से कहीं भी नहीं है, लेकिन कांग्रेस भी शब्द गढ़ती है। प्रदेश कांग्रेस कमल नाथ ने भी जो सशर्त खेद व्यक्त किया है। यह तो वैसी ही बात है कि आप अपराध की तो निंदा करते हैं और अपराधी को शरण देते हैं। नेता प्रतिपक्ष के पटेरिया के समर्थन में आने पर उन्होंने वे पहले यह बताएं कि हत्या का मतलब चुनाव में हराना कैसे होता है। वे अपराधी को प्रश्रय देने का काम कर रहे हैं। उन्हें तो निंदा करनी चाहिए पर वे समर्थन कर रहे हैं। यह निंदनीय है। उन्होंने ऐसा करने पार्टी नेतृत्व ने कहा होगा।