Monday, February 24, 2025
Homeराज्‍यमध्यप्रदेशमप्र हाईकोर्ट में जजों की कमी का असर: 4 लाख 62 हजार...

मप्र हाईकोर्ट में जजों की कमी का असर: 4 लाख 62 हजार केस पेंडिंग

भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में लगातार बढ़ते मामलों और जजों की कमी का प्रभाव साफ देखा जा रहा है। वर्तमान में हाईकोर्ट में लगभग 4 लाख 62 हजार मामले पेंडिंग हैं। वहीं, न्यायाधीशों के कुल 53 स्वीकृत पदों में से केवल 33 जज ही कार्यरत हैं। 20 पद अभी भी खाली है। ऐसे में न्यायाधीशों पर प्रकरणों के निपटारे का भारी दबाव है। इसके अलावा, 2025 में चीफ जस्टिस के साथ 8 जस्टिस रिटायर हो रहे हैं। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर सहित तीनों पीठों में कुल 4 लाख 62,000 हजार से ज्यादा मामले पेंडिंग हैं। न्यायाधीशों की कमी के कारण एक जज पर औसतन 14,000 मामलों का बोझ है। पेंडिंग मामलों की बढ़ती संख्या का एक मुख्य कारण न्यायाधीशों के रिक्त पद हैं। हालांकि, नए साल में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की उम्मीद जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, हाई कोर्ट कॉलेजियम ने वकीलों के कुछ नाम सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को भेजे हैं। सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति के बाद ये नाम राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे। कुछ समय पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से मुलाकात कर न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरने की मांग की थी। वहीं, पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजे गए कुछ नाम अब भी कानून विभाग के पास लंबित हैं।

नाबालिग से दुष्कर्म के 4928 केस पेंडिंग
दुष्कर्म पीडि़त नाबालिग बेटियों को प्रदेश में न्याय की सबसे बड़ी संस्था से भी न्याय के लिए सालों इंतजार करना पड़ रहा है। मप्र में पिछले 24 साल में पॉक्सो के 4,928 मामले हाई कोर्ट में लंबित हैं। इन मामलों में कुल 5,243 आरोपी हैं। इनमें से 2,650 जेल में बंद हैं, जबकि 2,593 (49.46 प्रतिशत) जमानत पर आजाद हैं।

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group