भोपाल । मध्य प्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी (ट्रांसको) को केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की साइबर सिक्योरिटी, आईबी सहित पांच सदस्यीय टीम से मिले निर्देश के बाद कंपनी ने बिजली प्रणाली को साइबर अटैक से बचाने के लिए लोड डिस्पैच सेंटर को अपग्रेड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पांच सदस्यीय टीम ने आडिट के दौरान पाया था कि साइबर सिक्योरिटी से लैस कंपनी के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) को नए वायरस को लेकर अपग्रेड करने की जरुरत है।
साथ ही आडिट टीम ने पुराने सिस्टम को हटाने के साथ बेकअप को दुरुस्त करने व टू लेयर सिक्योरिटी को थ्री लेयर सिक्योरिटी में परिवर्तित करने का सुझाव दिया था। तीन दिन रुककर आडिट टीम ने मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में बरीकी से अध्ययन किया। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर ट्रांसको के इंजीनियरों ने बिना विशेषज्ञ की मदद के इनहाउस साइबर क्राइसिस प्रबंधन योजना तैयार की थी। यह पावर सेक्टरों में साइबर अटैक को रोकने अंतरराष्ट्रीय स्तर की कारगर प्रणाली है। देश भर में मध्यप्रदेश ही पहला राज्य है जहां के लोड डिस्पैच सेंटर को आइएसओ 27001 द्वारा प्रमाणित भी किया गया है। यह सर्टिफिकेट साइबर सिक्योरिटी लागू करने के लिए मिला है।
साइबर अटैक से बिजली प्रणाली की सुरक्षा मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी का समूचा सिस्टम बाहरी साइबर अटैक से सुरक्षित रहता है। कोई भी हैकिंग या वायरस के माध्यम से प्रदेश की बिजली प्रणाली में छेड़छाड़ नहीं कर सकता। मुंबई की बिजली प्रणाली साइबर अटैक का शिकार हुई थी, जिसके कारण मुंबई में घंटों विद्युत व्यवधान रहा था। इस घटना के बाद ही समूचे देश के पावर सेक्टरों को इस तरह की साइबर सुरक्षा तैयार करने के निर्देश केंद्र शासन द्वारा दिए गए थे, लेकिन मध्यप्रदेश में ट्रांसको ने साइबर सिस्टम को विकसित किया। इसके बाद अन्य राज्यों में यह सिस्टम लगाया।
साइबर अटैक से बिजली प्रणाली को बचाने की कवायद
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