भोपाल । पिछले दो दिनों में हुई ओलावृष्टि और वर्षा से खेत व खलिहान में रखी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। कई जगह खरीदी केंद्रों पर उपार्जित गेहूं खुले में रखा हुआ था, उसे भी नुकसान पहुंचने की संभावना है। कृषि विभाग ने जिला प्रशासन को नुकसान का आकलन करने के लिए कहा है। वहीं, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने सभी उपार्जन केंद्रों के प्रभारियों से कहा है कि वे जितनी भी उपज खरीदें, उसके सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था करें। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राहत राशि का वितरण इस महीने के अंत तक किया जा सकता है।
प्रदेश में ओलावृष्टि और वर्षा से रबी फसलों को नुकसान पहुंचा है। राजस्व विभाग के सर्वे में अब तक 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचने की रिपोर्ट जिले दे चुके हैं। पिछले दो दिन में हुई ओलावृष्टि और वर्षा से खेत व खलिहानों में रखे गेहूं को नुकसान पहुंचा है। पूर्व कृषि संचालक जीएस कौशल का कहना है कि कटी फसल पर पानी पडऩे से दाने खेत में ही गिर जाते हैं। जो बाली पानी में दब जाती है, वह फूलकर खराब हो जाती है। ऐसे में किसान को नुकसान पहुंचना तय है। उधर, राजस्व और कृषि विभाग ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि फसल को पहुंची क्षति का आकलन किया जाए। पंचनामा बनाकर उसकी जानकारी ग्रामीणों को भी दी जाए।
वहीं, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने सभी उपार्जन केंद्रों के प्रभारियों से कहा है कि उपार्जन के साथ-साथ भंडारण की व्यवस्था करें ताकि उपज खराब न हो। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि जहां-जहां भी ओलावृष्टि या वर्षा से फसल प्रभावित हुई है, वहां सर्वे करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। प्रभावित किसानों को राहत राशि का वितरण भी जल्द अप्रैल-मई में ही किया जाएगा।
किसानों को अप्रैल के अंत तक मिल सकती है राहत राशि
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