श्योपुर: बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में पांच चीतों को छोड़ा। इनमें दो वयस्क मादा चीता आशा और धीरा के साथ ही आशा के तीन शावक भी शामिल हैं। खास बात यह है कि तीनों शावकों का जन्म कूनो में ही हुआ है। पार्क के डीएफओ तिरुक्कुरल के अनुसार दिसंबर में दो चीते अग्नि और वायु को पहले ही छोड़ा जा चुका है, जो फिलहाल पार्क की सीमा में स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं। इस नए रिलीज के साथ ही अब कूनो के खुले जंगल में घूमने वाले चीतों की कुल संख्या 7 हो गई है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वीरा के नवजात शावकों के स्वास्थ्य की भी जानकारी ली।
अभी तक 100 हेक्टेयर के बाड़े तक ही सीमित थे
यह कदम कूनो में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। अब तक ये चीते 100 हेक्टेयर के बाड़े तक ही सीमित थे, लेकिन अब पर्यटकों को खुले जंगल में चीतों को देखने का मौका मिलेगा। इससे न सिर्फ पार्क में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि चीतों को भी प्राकृतिक वातावरण में रहने का बेहतर मौका मिलेगा। आपको बता दें कि आशा कूनो नेशनल पार्क की पहली मां बन गई हैं, जिन्होंने तीन नर चीतों को जन्म दिया और तीनों को खुले जंगल में छोड़ दिया गया है। आशा ने इन चीतों को 1 जनवरी 2024 को कूनो नेशनल पार्क में जन्म दिया, जिसकी जानकारी पार्क प्रबंधन को 2 जनवरी को हुई।
मां के साथ शिकार करना सीखेंगे
कूनो नेशनल पार्क में आशा के साथ छोड़े गए तीनों शावक अगले तीन महीने तक अपनी मां के साथ रहेंगे और शिकार करेंगे। पार्क प्रबंधन ने उन्हें खुले जंगल में छोड़ते समय उनकी सुरक्षा का खास ख्याल रखा है। आशा और उसके तीन शावकों की निगरानी के लिए दो टीमें होंगी, जो उन पर नजर रखेंगी, ताकि हर पल इन चीतों के बारे में जानकारी हासिल की जा सके। टीम में शामिल लोगों की ड्यूटी समय-समय पर बदलती रहेगी।