भोपाल। भादौ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी गणेश चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष मंगलवार 19 सितंबर को यह तिथि है। मान्यता है कि इस तिथि को दिन के दूसरे प्रहर में श्रीगणेश का अवतरण हुआ था। उस दिन स्वाति नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त था। इस बार गणेश स्थापना पर यही संयोग बन रहे हैं।
इन्हीं शुभ संयोगों के बीच गणेश स्थापना की जाएगी। इसी के साथ आने वाले दस दिनों तक शहर गणेश उत्सव की धूम रहेगी। शहर में सैकड़ों स्थानों पर गणेश की झांकियां लगाने की तैयारी है। वहीं, श्रद्धालु घर में भी मूर्ति स्थापित करेंगे। पूरे उत्सव के दौरान सुबह-शाम गणपति बप्पा मोरिया, गजानन महाराज की जय जैसे उद्घोष सुबह-शाम गूंजेंगे।
विघ्नेश्वर रूप की पूजा करना होता है शुभ
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि स्वाति नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त में गणपति के विघ्नेश्वर रूप की पूजा करने से इच्छित फल मिलता है। गणेश स्थापना पर शश, गजकेसरी, अमला और पराक्रम नाम के राजयोग मिलकर चतुर्महायोग बना रहे हैं।
स्थापना के शुभ मुहूर्त
मान्यतानुसार गणेश स्थापना दोपहर में ही की जाती है। इसके अलावा घर में सुबह 9:30 से 11 तक तथा 11:25 से दोपहर 2 बजे तक। वहीं, कार्यालय, दुकान आदि स्थानों पर सुबह 10 से 11:25 तथा दोपहर 12 से 1:20 तक स्थापना किया जाना शुभ रहेगा।
धूमधाम से मनी हरतालिका तीज
दिन भर निर्जला रहकर सुहागिनों ने पूजे बालू से बने शिव, दूसरी तरफ सोमवार को महिलाओं ने हरतालिका तीज का व्रत रखा। अखंड सुहाग की कामना में महिलाएं दिन भर निर्जला रहीं तथा शाम के समय बालू से बनी शिव की प्रतिमा पूजन के बाद जल ग्रहण किया।
शाम के समय महिलाओं ने सोलह श्रंगार किया तथा पूजन की और हरतालिका व्रत की कथा सुनी। पहली आरती के बाद उपवास खोला। इसके बाद रात्रि जागरण किया। इस दौरान भजन-कीर्तन के साथ चार प्रहर की आरती की। भोर में नदी-तालाबों में भोले की मूर्ति एवं पूजन सामग्री का विसर्जन किया।