भोपाल । भोपाल के एक युवक के अंगों से पांच जिंदगियां मिल सकेंगी। युवक का दिल अहमदाबाद में धड़केगा, वहीं किडनी समेत अन्य अंग भोपाल, इंदौर, अहमदाबाद व हैदराबाद के जरूरतमंदों को दिए जाएंगे। अंगों को समय से मरीजों तक पहुंचाने के लिए पहली बार शहर में तीन ग्रीन कारीडोर बनाए गए है। सोमवार सुबह हार्ट अहमदाबाद विशेष विमान से, लिवर चौइथराम हॉस्पिटल इंदौर, एक किडनी चिरायु हॉस्पिटल तथा एक किडनी सिद्धान्ता अस्पताल तथा दोनों दिव्य ज्योतियों का नेत्रदान हमीदिया हॉस्पिटल को दान किया गया। आज तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाये गए, एयरपोर्ट तक हार्ट ले जाने में 12.31 मिनट लगे। इस प्रकार इस पूरे अंगदान का समन्वय सुनील राय, काउन्सलर भोपाल ऑर्गन डोनेशन सोसायटी तथा डॉ राकेश भार्गव एवं श्रीमती कमल सलूजा किरण फाउंडेशन द्वारा किया गया। जानकारी के मुताबिक नर्मदापुरम के सोहागपुर के रहने वाले अनमोल जैन का 17 सितंबर को एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें भोपाल के नर्मदा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। अनमोल के भाई गौरव जैन ने बताया कि यह फैसला परिवार के सदस्यों के लिए बेहद मुश्किल था, मगर हमें पता था की हम सही कर रहे हैं। परिवार को इस बात की जानकारी थी कि ऐसे मामलों में अंगदान किया जा सकता है। अस्पताल के डाक्टरों के साथ चर्चा के बाद परिवार ने सहमति जताई। इसके बाद युवा के अंग उन रोगियों को दान किए जा रहे हैं, जिन्हें उनकी सख्त जरूरत है। आवश्यक मंजूरी के बाद प्रत्यारोपण टीम को तुरंत सक्रिय कर दिया गया। सूचना जोनल ट्रांसप्लांट कोर्डिनेशन सेंटर को भेज दी गई।
भोपाल में ग्रीन कारिडोर
अंगों को सुरक्षित मरीजों तक पहुंचाने के लिए तीन ग्रीन कारिडोर भोपाल में बने। इसमें हार्ट अहमदाबाद जाना है, जिसके लिए पहला कारिडोर सिद्धांता अस्पताल से हवाई अड्डे तक बनाया गया। दूसरे ग्रीन कारीडोर की मदद के जरिए सिद्धांता अस्पताल से चिरायु अस्पताल तक किडनी को लेकर गए। साथ ही आखरी कारीडोर से लिवर को सिद्धांता अस्पताल से इंदौर ले गए।
भोपाल के दो मरीजों को लगेगी किडनी
27 नवंबर को किडनी, लंग जैसे अंगों को प्रत्यारोपण के लिए निकाला गया। जानकारी के अनुसार किडनी भोपाल के ही दो मरीजों को लगाई जानी हैं। वहीं लंग इंदौर के मरीज के लिए भेजा गाया। इस तरह से गंभीर रूप से बीमार चार से पांच रोगियों को नया जीवन मिल सकेगा। अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि एक युवा द्वारा किए गए योगदान ने हमारे विश्वास को मजबूत किया है। वह कहते हैं कि अपने अंगों को स्वर्ग में मत ले जाओ। भगवान जानता है कि हमें यहां उनकी आवश्यकता है।