भोपाल में हॉस्पिटल और स्कूल के पास शराब (Liquor) की दुकान खोलने के विरोध में एक तरफ जहां महिलाएं घर से बाहर निकल रही हैं, वहीं दूसरी तरफ हिंदू-मुस्लिम भी इसके विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने दुकान के सामने बैठकर सुंदरकांड का पाठ किया। उन्होंने लोगों को दूध के पैकेट भी बांटे।
ये अनूठा प्रदर्शन भोपाल के शाहजहांनाबाद स्थित रामनगर में मंगलवार को किया गया। यहां हिंदू नागरिकों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और मुसलमानों ने इफ्तार किया। सभी ने दुकान के मालिकों से शराब के ठेके को बंद करने का अनुरोध किया। समाजसेवी सुनील श्रीवास्तव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग जुटे। महिलाओं ने भी दुकान बंद करने की मांग की। उन्होंने पुलिस अफसर को ज्ञापन भी दिया। इस मामले में आबकारी कंट्रोलर सजेंद्र मोरी का कहना है कि यहां दुकान निर्धारित दूरी पर ही खोली गई है। मामले की जांच करवाएंगे। शाहपुरा में दुकान बंद कराई गई हैं।
टेंट में दुकान, सड़क पर शराबी
मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल से नई शराब नीति लागू हो गई है। ढाई हजार से ज्यादा अहाते बंद कर दिए गए है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। टेंट में शराब दुकानें लग रही हैं। अहातों ने होटल की शक्ल ले ली। ये तस्वीर और कहीं नहीं राजधानी भोपाल के नयापुरा, शाहपुरा, करोंद समेत कई जगहों पर शराब दुकानों के पास ही देखने को मिल रही है। कई जगह तो शराबी खुले में ही शराब पी रहे हैं। इससे लोगों का मेन रोड से ही गुजरना मुश्किल हो गया है।
कोलार रोड के नयापुरा में तीन दिन से टेंट में शराब दुकान लग रही है। यह मेन रोड से 50 फीट दूर भी नहीं है। इस दुकान के पास ही खाने-पीने की दुकानें हैं, जो अहाते में बदल गई है। इनमें ही शराबी बैठकर शराब पी रहे हैं। पहले जहां ये दुकान थी, वहीं पर अहाता भी था, जो बंद कर दिया गया। इस कारण अब लोग दुकान के पास ही खुले और होटल-रेस्टोरेंट में बैठकर शराब पी रहे हैं।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की फायरब्रांड हिंदुत्व नेता उमा भारती भी राज्य में शराब की बिक्री को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुकी हैं। अपनी शराब नीतियों को लेकर लगातार उमा भारती के निशाने पर रही राज्य सरकार ने 19 फरवरी को कैबिनेट की बैठक के बाद नई आबकारी नीति को मंजूरी दी।
क्या है एमपी की नई एक्साइज पॉलिसी?
- सबसे पहले नई आबकारी नीति के तहत राज्य भर में शराब की खपत के लिए दुकान बार और स्थानों पर बैठने की सुविधा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
- दूसरा शिक्षण संस्थानों, लड़कियों के छात्रावासों और धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों को काम करने की अनुमति नहीं होगी।
- तीसरा राज्य सरकार शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में सजा को और सख्त करेगी।
वर्तमान में शराब पीकर गाड़ी चलाने के पहले अपराध के लिए छह महीने की जेल या 2000 रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। पिछली घटना के तीन साल के भीतर किए गए दूसरे या बाद के अपराध के लिए दो साल की जेल या 3,000 रुपये या दोनों का प्रावधान है। राज्य सरकार ने अब शराब के नशे में वाहन चलाते पकड़े गए लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबित करने का प्रस्ताव दिया है।