भोपाल: मध्य प्रदेश के बड़े शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर समेत कई जिलों से सटी ग्राम पंचायतें आवासीय प्रोजेक्ट विकसित कर सकेंगी. शहरों से लगे सेमी अर्बन एरिया को विकसित करने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है. इस ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने और त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए सोमवार से पंचायत विभाग का संवाद कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. 3 दिन चलने वाले इस संवाद कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव करेंगे. संवाद कार्यक्रम में पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर भी चर्चा होगी.
सेमी अर्बन सिटीज के विकास को लेकर 3 दिन संवाद
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि "पिछले साल सितंबर माह में त्रिस्तरीय पंचायत का 3 दिवसीय संवाद कार्यक्रम किया था. इस साल यह कार्यक्रम 24 नवंबर से भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हॉल में शुरू होने जा रहा है. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव करेंगे. कार्यक्रम में पहले दिन जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला पंचायत सीईओ और महानगर से लगी जनपद पंचायत सीईओ और शहरी सीमा से लगे 37 पंचायतों के सरपंचों से चर्चा होगी. इसमें प्रदेश के बड़े शहरों से सटे सेमीअर्बन सिटीज के विकास को लेकर चर्चा की जाएगी. इसके लिए पिछले साल मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी."
'डेवलपमेंट प्लान का सौंपा जाएगा फॉर्मेट'
मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि "जिला पंचायत में समितियां बनी हैं, लेकिन बैठकें नहीं होतीं. संवाद कार्यक्रम में जिला पंचायत के डेवलपमेंट प्लान पर चर्चा होगी. उन्हें डेवलपमेंट प्लान के फॉर्मेट की जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा उनकी मॉनिटरिंग में भूमिका क्या होगी इस पर चर्चा होगी. जिला पंचायत स्तर की भूमिका पर चर्चा की जाएगी.
दूसरे दिन उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल मौजूद रहेंगे. वॉटरशेड और पेयजल को लेकर चर्चा होगी. स्वच्छता मिशन और जनमन प्रधानमंत्री सड़क और पेसा एक्ट को लेकर चर्चा होगी. हर विषय पर चर्चा के लिए संबंधित विभाग के मंत्री और अधिकारी मौजूद रहेंगे. हर दिन कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच प्रश्न-उत्तर का सत्र भी रखा गया है."
पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने होगी चर्चा
कार्यक्रम में प्रदेश की पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाए जाने पर भी चर्चा होगी. मंत्री प्रहलाद पटेल के मुताबिक "आत्मनिर्भर पंचायत बनाने के लिए वित्तीय प्रबंधन के साथ लोगों को भी जागरूक करना होगा. पंचायती राज के नियम आज तक नहीं बदले. इसको पहली बार जनप्रतिनिधियों के सामने रखा जाएगा. नियम बदलने के लिए विधानसभा जाने की जरूरत नहीं है, इसे मंत्री ही बदल सकता है. इसमें कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनका औचित्य ही अब खत्म हो गया है."








