भोपाल : वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर टैक्स रिटर्न फाइल करने में मध्यप्रदेश देश में पाँचवें स्थान पर है। जुलाई 2022 तक 93.37 प्रतिशत तक रिटर्न फाइल हुए थे। इस उपलब्धि में प्रदेश के अधिकारियों सहित व्यापारी वर्ग का विशेष योगदान रहा। प्रदेश में 20 हजार 902 करोड़ रूपये का कर राजस्व प्राप्त किया गया, जो लक्ष्य 20 हजार 477 करोड़ रूपये से ज्यादा है। देवड़ा आज प्रशासन अकादमी में विभाग की अर्धवार्षिकी समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि जीएसटी आने के बाद वित्त विभाग का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। वित्त विभाग ने अपनी तकनीकी दक्षता में निरंतर सुधार कर अपने आप को पूर्णत दक्ष बना लिया है। सूचना प्रौद्योगिकी का निरंतर और बेहतर उपयोग किया जा रहा है। इससे वित्तीय प्रबंधन में सुधार हुआ है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वाणिज्यिक कर विभाग ने राजस्व बढ़ाने के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए हैं। फलस्वरूप वर्ष 2020-21 में सकल राजस्व 42558.91 करोड़ रूपये था, जो वर्ष 2021-22 में बढ़ कर 49068.10 करोड़ रूपये हो गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 15.29 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने विभाग के न्यूज बुलेटिन का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश के करदाताओं के सक्रिय योगदान से ही इस वित्तीय वर्ष में माह सितम्बर तक जीएसटी में 12450.13 करोड़ रूपये एवं वैट में 8451.71 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त राजस्व से 20.48 प्रतिशत अधिक है।
प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर दीपाली रस्तोगी ने से राजस्व संग्रहण में निरंतर हो रही वृद्धि को विभागीय अधिकारियों के प्रयासों का परिणाम बताया। राजस्व कलेक्शन विगत माहों से अधिक हो रहा है। शासन की मंशा यह भी है कि करदाता की सहूलियत को सर्वोपरि रखा जाये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी करदाता का शोषण नहीं होना चाहिए। हमारा प्रयास पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त होना चाहिए।
आयुक्त वाणिज्यिक कर लोकेश कुमार जाटव ने अधिवार्षिकी समीक्षा के प्रेजेन्टेशन में बताया कि माह सितम्बर 2022 तक राजस्व संग्रहण पिछले वर्ष से 103 प्रतिशत अधिक रहा। जीएसटी ग्रोथ भी 24 प्रतिशत अधिक रही। जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में देश में मध्यप्रदेश प्रथम 5 राज्यों में शामिल है। हमारी रिटर्न फाइलिंग 85 प्रतिशत है। अतिरिक्त प्रयास कर विभाग द्वारा 210 करोड़ रूपये शासन के खाते में जमा करवाए गए। अगले 6 माह में हमारा लक्ष्य 377 करोड़ रूपये के अतिरिक्त राजस्व संग्रहण का रहेगा। आगामी छह माह में राजस्व वृद्धि के प्रयासों को टैक्स आधार में वृद्धि, वैट रिकवरी, जीएसटी ऑडिट और संदेहास्पद डीलरों के भौतिक सत्यापन के प्रयासों पर केन्द्रित किया जा रहा है। जाटव ने बताया कि डेटा कमांड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर से वाहन चेकिंग को ऑटोमेटिक किया गया है। इस व्यवस्था में वाहन से संबंधित एसएमएस की सुविधा एवं फोटो अपलोड करना अनिवार्य रहेगा। साथ ही समस्त नोटिस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जारी किये जा रहे हैं। विभाग ने ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में करदाताओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा है। सरल एवं स्वच्छ कर प्रशासन के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। जीएसटी अंतर्गत नये करदाताओं की सुविधा हेतु वेलकम किट, छोटे करदाताओं की सुविधा हेतु वाटसअप आधारित चेटबाट, करदाताओं से सरल संवाद हेतु प्रत्येक कार्यालय में हेल्प डेक्स, यु-ट्यूब चैनल, नवीन नोटिफिक्शन की सूचना दी जा रही है।
कॉन्क्लेव के प्रथम सत्र में आयुक्त तन्वी हूडा द्वारा विभागीय अधिकारियों की वृत्तवार समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिये गये। द्वितीय सत्र में सी.ए. वीरेन्द्र चौहान द्वारा विस्तार से ऑडिट का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही प्रश्नों का समाधान भी किया गया। विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रवर्तन संबंधी प्रशिक्षण दिया गया।
वरिष्ठ उपायुक्त आर.के. शर्मा द्वारा आभार व्यक्त किया गया। संचालन रक्षा दुबे ने किया। वाणिज्यिक कर उप सचिव आर.पी. श्रीवास्तव सहित सभी जिलों के जीएसटी अधिकारी उपस्थित रहे।