मंडला में आदिवासी परिवार अपने ही घर में हुआ कैद, कांटेदार तारों से कर दी फेंसिंग

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मंडला: बम्हनी थाना क्षेत्र के ग्राम भड़िया में 1 आदिवासी परिवार को उसके घर में ताला बंद कर बंधक बना दिया गया. इसके साथ ही उसके घर के चारों ओर कंटीली तार की फेंसिंग भी लगा दी गई. ऐसे में बच्चों सहित पूरा परिवार घर में ही कैद हो गया. इसकी सूचना के बाद पुलिस बल के साथ तहसीलदार मौके पर पहुंचीं. जिसके बाद पीड़ित और आरोपी दोनों पक्षों को समझाइश देकर ताला तुड़वाया गया.

10 साल से मकान में रह रहे हैं पीड़ित परिवार

पीड़ित जयंती मरावी ने बताया कि "लगभग 10 वर्ष पूर्व उन्होंने शासकीय भूमि पर अपना मकान बनाया था और तभी से वे अपने परिवार सहित उसी मकान में निवास कर रही हैं. लेकिन बाद में ग्राम पंचायत की सहमति से उस भूमि को किसी अन्य ग्रामीण के नाम आवंटित कर दिया गया है. अब दोनों पक्षों के बीच विवाद चल रहा है. इसी विवाद को लेकर दूसरे पक्ष और पंचायत पर घर के चारों ओर फेंसिंग करने और घर में ताला लगाने का आरोप है.

न्यायालय में विचाराधीन है मामला

इस जमीन को लेकर दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. ये मामला वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन भी है. पीड़ित पक्ष का आरोप है कि बिना किसी न्यायिक आदेश और वैधानिक प्रक्रिया का पालन किए, पंचायत द्वारा उनके घर के चारों ओर कांटेदार तार की फेंसिंग कर दी गई.

रातभर घर में कैद रहा परिवार

पीड़ित जयंती मरावी का कहना है कि "रात के समय घर के मुख्य द्वार पर बाहर से ताला लगा दिया गया, जिससे बच्चे और पूरा परिवार घर के अंदर ही कैद हो गए. रातभर परिवार भय और तनाव के साए में रहा. यदि इस दौरान कोई अनहोनी हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता?"

पुलिस के मौजूदगी में तोड़ा गया ताला

इस घटना की सूचना मिलते ही तहसीलदार पूजा राणा और बम्हनी पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची. तहसीलदार पूजा राणा ने बताया कि "जयंती मरावी द्वारा शिकायत की गई थी कि उनके घर के चारों ओर कांटेदार तार लगाकर फेंसिंग की गई है. इसके साथ ही घर के गेट पर ताला लगाया गया है. इस पर दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि घर पर ताला लगाना मानवीय दृष्टिकोण से उचित नहीं था.

प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों को समझाइश दी गई. जिसके बाद घर का ताला तुड़वाया गया और तार की फेंसिंग हटाई गई. साथ ही दूसरे पक्ष को यह भी समझाया गया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है और न्यायालय के निर्णय के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी."