भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जीवन की सफलता सेवा भाव के साथ कर्त्तव्य पालन में हैं। दीक्षांत शपथ को 365 दिन याद रखें। चिकित्सक के रूप में प्रतिज्ञा के प्रत्येक शब्द के अनुरूप आचरण भावी जीवन की सफलता का पथ है। राज्यपाल पटेल आज भाभा कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज में उपाधि वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि मुख सम्बंधी स्वास्थ सम्पूर्ण स्वास्थ का महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण मुद्दा हैं। दाँत नहीं तो स्वाद नहीं की मान्यता पाचन क्रिया में दाँतों की महत्ता को बताती है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक का सबसे प्रमुख कर्त्तव्य रोगी को शारीरिक और मानसिक रूप से तंदुरुस्त करना होता है। किसी भी चिकित्सक का कार्य मात्र शरीर की महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं की जानकारी हासिल करना ही नहीं है। रोग की उत्पत्ति शरीर के भीतर किस प्रकार से होती है, उसके कारणों को भी जानना और समझना आवश्यक है। रोगों के विकारों को दूर करने के कार्यों के साथ ही निरंतर अध्ययन, शोध और अनुसंधान जरूरी है। रोगियों को उपचार के साथ ही रोग निदान और रोग नियंत्रण के सम्बन्ध में उचित परामर्श देना चिकित्सक का दायित्व है।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि रोग उपचार से अधिक प्रभावी रोगों की रोकथाम के प्रयास होते है। जरूरत मुख स्वास्थ्य और स्वच्छता के सम्बंध में जागरूकता का प्रसार करना है। उन्होंने स्कूलों और ग्रामीण अंचल में जागरूकता शिविर लगाने और मुख स्वास्थ्य रोग निवारक और रोग आधारित उपचार की जरूरतों के लिए एक समग्र मॉडल का विकास करने की जरूरत बताई। विश्वविद्यालयों से कहा कि शिक्षा के प्रसार के साथ विद्यार्थियों में सामाजिक उत्तरदायित्व, कर्त्तव्यबोध, नैतिक मूल्य विकसित करने, उन्हें सामाजिक सरोकारों में सहभागिता के लिए प्रेरित किया जाये।
चेयरमेन भाभा ग्रुप डॉ. सुनील कपूर ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक 110 पेंटेंट पंजीकृत कराने में सफलता प्राप्त की है। एक ऐसे रोबोट का निर्माण किया है जो 18 प्रकार की जाँच कर, 5 मिनट में रिपोर्ट दे देता है। भाभा विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. साधना कपूर ने विश्वविद्यालय के संबध में जानकारी दी। विद्यार्थियों को प्राचार्य भाभा कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज मनोज मित्तल ने दीक्षांत शपथ ग्रहण कराई। सिद्धार्थ अवस्थी ने आभार माना। पी.जे कलाम विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रुति कपूर, भाभा विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति दिलीप कुमार डे सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ, पालक और शिक्षक मौजूद थे।