नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्रदेश में होगा साक्षरता कार्यक्रम लागू

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भोपाल: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप प्रदेश में साक्षरता कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है। साक्षरता कार्यक्रम वर्ष 2022 से 2027 तक की अवधि के लिए तैयार किया गया है। प्रदेश में निरक्षरता उन्मूलन के लिए उल्लास-नव साक्षरता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 5 व्यापक उद्देश्यों को लेकर संचालित किया जा रहा है। इनमें मुख्य रूप से बुनियादी साक्षरता एवं अंक ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा एवं सतत शिक्षा प्रदान करना शामिल है। यह कार्यक्रम 15 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए है।

पाठन

प्रदेश के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा अक्षर पोथी नामक प्राइमर बनाया गया है। यह प्राइमर सीखने की परिष्कृत गति एवं विषय वस्तु पर आधारित है। इस प्राइमर में बुनियादी साक्षरता एवं अंक ज्ञान के साथ-साथ वित्तीय, कानूनी, डिजिटल साक्षरता एवं आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल जैसे विभिन्न मुद्दों को शामिल किया गया है।

कार्यक्रम का क्रियान्वयन

प्रदेश में निरक्षरों के पठन-पाठन के लिए विद्यार्थियों, शासकीय-अशासकीय संगठनों एवं स्वैच्छिक संगठनों का सहयोग लिया जा रहा है। सहायता प्रदान करने वाले व्यक्ति का नाम अक्षर साथी है।

बुनियादी साक्षरता परीक्षा

राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष में दो बार नवसाक्षरों के लिए बुनियादी साक्षरता परीक्षा आयोजित करने का प्रावधान है। सितंबर 2024 में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में आयोजित परीक्षा में 16 लाख 49 हजार से अधिक नवसाक्षरों ने भाग लिया। इसमें शामिल नवसाक्षरों में से 90 प्रतिशत नवसाक्षरों ने परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है।