एमपी में भ्रष्टाचार पर लोकायुक्त का प्रहार, कृषि विस्तार अधिकारी से रोजगार सहायक तक रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए

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भोपाल: एमपी में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लोकायुक्त का एक्शन जारी है। गुरुवार को तीन जिलों में कार्रवाई करते हुए तीन भ्रष्ट सरकारी कर्मियों को रिश्वत के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। रतलाम में कृषि विस्तार अधिकारी को रिश्वत लेते पकड़ा है तो झाबुआ में रोजगार सहायक को दबोचा है। वहीं, नर्मदापुरम में पीडब्ल्यूडी के क्लर्क को पकड़ा गया है।

कृषि विस्तार अधिकारी 30000 रुपए की मांग की

दरअसल, उज्जैन लोकायुक्त ने आवेदक विजय सिंह राठौर ने शिकायत की थी। शिकायतकर्ता को उसके गांव में कीटनाशक और खाद-बीज की दुकान खोलना है, जिसके लाइसेंस के लिए उसने मई में लोकसेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन किया था। जुलाई में उसे लाइसेंस बनने का मैसेज मोबाइल पर मिल गया था। तीनों लाइसेंस की असल कॉपी लेने के लिए वह कृषि विस्तार अधिकारी सैलाना मगन लाल मेडा से मिला। तीनों लाइसेंस की असल कॉपी देने के लिए 30 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई। आवेदक के निवेदन पर लाइसेंस हेतु मगन लाल मेडा 25 हजार रिश्वत लेने पर राजी हुए।

10000 की रिश्वत के साथ गिरफ्तार

कृषि विस्तार अधिकारी मगन लाल मेडा ने आवेदक से 15 हजार रुपए ले लिए थे। शिकायत की तस्दीक के बाद लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप की तैयारी की। मगन लाल मेडा को आवेदक से रिश्वत के शेष 10 हजार रुपए लेते हुए सैलाना स्थित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में रंगे हाथों पकड़ा है। वहीं, नर्मदापुरम जिले में ठेकेदार अवधेश कुमार पटेल ने भोपाल लोकायुक्त से शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि उनके एफडी और जमा राशि को वापस करने के बदले में 12,000 रुपए की रिश्वत की मांग पवन सक्सेना कर रहे हैं। वह लोक निर्माण विभाग नर्मदापुरम में वरिष्ठ लेखा लिपिक हैं। आवेदक की शिकायत को लोकायुक्त की टीम ने सत्यापित किया तो मामला सही पाया गया। इसके बाद 7000 रुपए की रिश्वत के साथ आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा गया है।

झाबुआ में पकड़ा गया रोजगार सहायक

इंदौर लोकायुक्त की टीम ने आवेदक कमल सिंह निंगवाल की शिकायत पर झाबुआ में कार्रवाई की है। आवेदक रानापुर तहसील के डिग्गी गांव का रहने वाला है। उसे अपने सात वर्षीय बेटे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना था। इसके लिए रोजगार सहायक दिनेश कुमार पचाहा से बात की। जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए रोजगार सहायक ने 1600 रुपए की मांग की। इसके बाद फरियादी ने लोकायुक्त में शिकायत दी। शिकायत के सत्यापन के बाद आरोपी दिनेश कुमार पचाहा को 1250 रुपए की रिश्वत के साथ पकड़ा गया है।