भोपाल/इंदौर । असंगठित क्षेत्र के कामगारों को 60 वर्ष की आयु के बाद निश्चित पेंशन सुनिश्चित करने वाली अटल पेंशन योजना (APY) में मध्यप्रदेश ने शानदार प्रदर्शन किया है। केंद्र सरकार द्वारा 1 मई से 15 जुलाई, 2025 तक चलाए गए विशेष अभियान में नए लाभार्थियों को जोड़ने में मध्यप्रदेश के 10 जिलों ने देश के टॉप-10 जिलों में स्थान बनाया है। सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि बालाघाट जिले ने इस अभियान में पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है। यह जानकारी पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा 18 जुलाई को जारी अंतिम स्कोर में सामने आई है।
:: मध्यप्रदेश के जिलों का शानदार प्रदर्शन ::
बालाघाट जिले ने अपने 2992 के लक्ष्य के मुकाबले 12,507 लोगों को अटल पेंशन योजना से जोड़कर 418% की असाधारण उपलब्धि हासिल की। इसके साथ ही, मध्यप्रदेश के नौ अन्य जिलों ने भी शीर्ष 10 में जगह बनाई है:
– श्योपुर : 304% उपलब्धि के साथ दूसरा स्थान (836 के मुकाबले 2538 लाभार्थी)
– अलीराजपुर : 194% उपलब्धि के साथ तीसरा स्थान (880 के मुकाबले 1705 लाभार्थी)
– उज्जैन : 191% उपलब्धि के साथ चौथा स्थान (5676 के मुकाबले 10813 लाभार्थी)
– अनूपपुर : 189% उपलब्धि के साथ पांचवां स्थान (1342 के मुकाबले 2542 लाभार्थी)
– उमरिया : 184% उपलब्धि के साथ छठा स्थान (990 के मुकाबले 1819 लाभार्थी)
– छिंदवाड़ा : 183% उपलब्धि के साथ सातवां स्थान (4994 के मुकाबले 9148 लाभार्थी)
– डिंडोरी : 182% उपलब्धि के साथ आठवां स्थान (946 के मुकाबले 1720 लाभार्थी)
– शहडोल : 178% उपलब्धि के साथ नौवां स्थान (1936 के मुकाबले 3445 लाभार्थी)
– दमोह : 177% उपलब्धि के साथ दसवां स्थान (1870 के मुकाबले 3314 लाभार्थी)
इन सभी शीर्ष 10 जिलों को अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस प्रदान किया जाएगा।
:: बालाघाट की सफलता का राज ::
बालाघाट जिले में कलेक्टर मृणाल मीणा और जिला पंचायत के सीईओ अभिषेक सराफ के समन्वय व नेतृत्व में इस योजना में लोगों को जोड़ने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया। अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री संजीव कुमार ने बताया कि अभियान के बाद भी जिले में पात्र लोगों को इस योजना से जोड़ने का काम निरंतर जारी रहेगा, जिसका लक्ष्य 50 हजार लाभार्थियों तक पहुँचना है।
:: अटल पेंशन योजना : एक सामाजिक सुरक्षा कवच ::
अटल पेंशन योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसे विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के कामगारों (जैसे दिहाड़ी मजदूर, छोटे व्यापारी, घरेलू कामगार, रेहड़ी-पटरी वाले, किसान आदि) के लिए तैयार किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
:: पात्रता मापदंड ::
– 18 से 40 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिक।
– असंगठित क्षेत्र के कामगार।
– किसी बैंक या डाकघर में आधार से लिंक बचत खाता होना अनिवार्य।
– आयकर दाता नहीं होने चाहिए।
– किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना (जैसे NPS, EPS) के लाभार्थी नहीं होने चाहिए।
यह योजना 60 वर्ष की आयु के बाद 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की मासिक पेंशन प्रदान करती है, जिससे लाभार्थियों का वृद्धावस्था में जीवन आर्थिक रूप से सुरक्षित बना रहता है।