Friday, January 31, 2025
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महाकुंभ: भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत, सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान, 2 लाख मुआवजा देने की घोषणा

भोपाल: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में बुधवार तड़के मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान से पहले संगम तट पर मची भगदड़ में देश के विभिन्न राज्यों से आए करीब 30 श्रद्धालुओं में मप्र के 4 श्रद्धालुओं की भी जान चली गई है। इस हृदय विदारक घटना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि मां गंगा से मृतकों की पुण्य आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान देने और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। साथ ही घोषणा की कि हादसे में जान गंवाने वाले मध्य प्रदेश के लोगों के परिवार को 2 लाख रुपये की अतिरिक्त मुआवजा राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मृतक हुकुम बाई लोधी के साथ ही अन्य मृतकों के परिवार को मुख्यमंत्री विश्वज्ञानदान से 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत करने की घोषणा की है। जिला प्रशासन भी शोक संतप्त परिवारों को नियमानुसार हर संभव मदद उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार से समन्वय कर शव को एंबुलेंस से पैतृक गांव पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।

हेल्पलाइन नंबर जारी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने संदेश में कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में दुर्घटना होने पर मध्य प्रदेश के श्रद्धालुओं को तत्काल सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 0755-2708055 और 0755-2708059 (वल्लभ भवन, सिचुएशन रूम, भोपाल) स्थापित किए गए हैं। जरूरतमंद लोग दिन में किसी भी समय इन नंबरों पर कॉल कर वांछित सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

भगदड़ में एमपी के इन 4 लोगों की हुई मौत

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे। यहां भगदड़ में 4 की मौत हो गई। इसके अलावा 3 लोग लापता भी बताए जा रहे हैं। मृतकों में ग्वालियर के टेकनपुर निवासी कामता पाल, रायसेन के गैरतगंज निवासी मोहनलाल अहिरवार (45) और इटारसी निवासी उमेश सराठे (48) की मौत की पुष्टि उनके परिजनों ने की है। छतरपुर के सुनवाहा गांव निवासी हुकुम बाई लोधी अपने परिवार के 15 सदस्यों के साथ महाकुंभ में स्नान करने आई थीं। भगदड़ में उनकी मौत हो गई, जबकि बेटी दीपा (19) घायल है। बक्स्वाहा निवासी बुजुर्ग दंपती हरि साहू (58) और शकुंतला (55) लापता हैं। उधर, चित्रकूट के तरौहा निवासी एक व्यापारी ने अपने साले चंद्रपाल कुशवाह की मौत की सूचना दी है।

पुलिस की लापरवाही

रात 11 बजे पुलिस आई और लाठी लेकर हमें जगाया और कहा कि जाकर डुबकी लगाओ। हमने मना कर दिया और कहा कि सुबह डुबकी लगाएंगे या दोपहर में। लेकिन पुलिसकर्मियों ने गाली-गलौज कर भगा दिया। जैसे ही हम स्नान करने के लिए आगे बढ़े, सामने से कुछ लोग दौड़ते हुए आए और हमें धक्का देने लगे। भाभी का हाथ बेटी के हाथ से फिसल गया और दोनों गिर गईं। इस घटना में भाभी की मौत हो गई।

क्या है संगम नोज

संगम नोज पर यमुना, गंगा और सरस्वती का संगम होता है। कुंभ स्नान के लिए यह स्थान सबसे पवित्र माना जाता है। इस स्थान का आकार नाक जैसा है। यहां सबसे ज्यादा लोग सामने की तरफ त्रिभुजाकार क्षेत्र में बने घाट पर पहुंचते हैं। कुंभ में हर बार इस क्षेत्र में घाट का आकार बढ़ाया जाता है। इस बार प्रति घंटे दो लाख लोगों के स्नान की व्यवस्था की गई थी।

क्यों हुई भगदड़

  • ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं ने रात में घाट पर कब्जा कर लिया था।
  • हर कोई त्रिवेणी में स्नान करना चाहता था, बैरिकेडिंग तोड़ दी।
  • वीआईपी मूवमेंट के कारण बार-बार सड़कें बंद होने से परेशानी।
  • स्नान के बाद बाहर निकलने का अलग रास्ता बंद होने से असमंजस की स्थिति।

इन पर हो अमल

  • टाइम स्लॉट: कुंभ में आने वाले लोग व्यस्त संगम नोज पर पहुंचकर शुभ मुहूर्त का इंतजार करते हैं। ऐसे में टाइम स्लॉट लागू कर लोगों को भेजा जाए।
  • बैरिकेडिंग: पौराणिक महत्व के कारण संगम नोज पर बैरिकेडिंग नहीं की जाती। भीड़ को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की जाए।
  • अन्य घाटों का प्रचार-प्रसार: लोग सिर्फ संगम नोज का महत्व जानते हैं। उन्हें अन्य घाटों के महत्व के बारे में बताया जाए।

प्रयागराज में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोका गया

रीवा। मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में शाही स्नान करने पहुंची करोड़ों की भीड़ में मची भगदड़ के बाद प्रयागराज में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया है। रीवा और सतना में 20 से अधिक प्वाइंटों पर हजारों वाहन खड़े किए गए हैं और श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे जहां हैं, वहीं रहें। रीवा के चाकघाट बॉर्डर पर करीब 30 किलोमीटर लंबा जाम लगा है, जबकि सतना के चित्रकूट बॉर्डर पर कई जगहों पर वाहन खड़े कर दिए गए हैं।

अधिकारियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। यात्रियों के लिए खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा कारणों से रेलवे प्रशासन ने मंगलवार को आनंद विहार से रीवा आने वाली ट्रेन और रीवा से आनंद विहार जाने वाली ट्रेन को निरस्त कर दिया था। इधर, छतरपुर में महाकुंभ में जाने वाली ट्रेनों पर पथराव के कारण अंबेडकर नगर-प्रयागराज को अस्थायी रूप से निरस्त कर दिया गया है। रेलवे स्टेशनों पर जिला पुलिस बल की टीम तैनात की गई है

24 घंटे तक फंसे रहे श्रद्धालु

प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं को चाकघाट बॉर्डर पर रोक दिया गया। यहां करीब एक लाख श्रद्धालु फंसे रहे। प्रशासन ने कुंभ यात्रियों के लिए रैन बसेरा बनाया था, जो छोटा पड़ गया। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पास में स्थित एक मैरिज हॉल को खोल दिया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को ठहराया गया है। साथ ही, अलग-अलग जगहों पर उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है।

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