आयुष विभाग का बड़ा एक्शन : डाबर समेत 3 कंपनियों की 6 आयुर्वेदिक दवाओं पर प्रतिबंध, जानें कौन सी दवाएं हैं शामिल

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MP Ayurvedic Medicines Banned: मध्य प्रदेश में आयुष विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डाबर इंडिया लिमिटेड सहित तीन कंपनियों की छह आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री और वितरण पर तत्काल रोक लगा दी है. ग्वालियर स्थित लैब में दतिया और छिंदवाड़ा से प्राप्त सैंपलों की जांच में ये बैच गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं पाए गए. रिपोर्ट सामने आते ही आयुष कमिश्नर ने प्रदेशभर में इन दवाओं के क्रय-विक्रय, भंडारण और सप्लाई पर सख्त प्रतिबंध लागू कर दिया.

दवाओं के इन बैचों काे पाया अवमानक
जांच में जिन बैचों को अवमानक पाया गया, उनमें शर्मा आयुर्वेद मंदिर दतिया की ‘गिलोय सत्व’ (बैच 005P-1) और ‘कामदुधा रस’ (बैच 25117002P-1), श्री धन्वन्तरी हर्बल्स सोलन की ‘प्रवाल पिष्टी’ (बैच PPMB-077) और ‘मुक्ता शुक्ति’ (बैच MSBBD-059), तथा डाबर इंडिया लिमिटेड साहिबाबाद की ‘कफ कुठार’ (बैच SB00066) और ‘लक्ष्मी विलास रस (नारदीय)’ (बैच SB00665) शामिल हैं.

आयुष विभाग ने दिया निर्देश
आयुष विभाग ने सभी दवा विक्रेताओं को निर्देश दिया है कि वे प्रतिबंधित बैचों का स्टॉक तुरंत दुकानों और गोदामों से हटाकर कंपनियों को लौटाएं. यदि कहीं भी इन दवाओं की बिक्री या उपयोग पाया गया तो संबंधित विक्रेता और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. विभाग ने स्पष्ट किया है कि पूरे प्रदेश में निरीक्षण जारी है और आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त दंड लागू किए जाएंगे.

प्रदेश में तीन कफ सिरप भी हुए थे बैन
छिंदवाड़ा में हाल ही में कफ सिरप से कई मासूमों की मौत के बाद से ही स्‍वास्‍थ्‍य विभाग सख्‍त नजर आ रहा है. लगातार दवाओं की टेस्‍टींग की जा रही है. देशभर की दवा कंपनियों के द्वारा निर्मित दवाओं की जांच चल रही है. प्रदेश में सरकार ने कफ सिरप से मासूमों की मौत के बाद 3 कफ सिरप कपंनियों को बैन कर दिया था. इसमें प्रमुख रूप से कोल्‍ड्रिफ कप सिरप काे मुख्‍य बताया गया था. इसके सेवन के बाद ही मासूम बच्‍चाें की मौत हुई थी. भारत सरकार ने भी कफ सिरप के सेवन पर रोक लगाई थी.