भोपाल। राजधानी भोपाल में वोटर लिस्ट के गहन परीक्षण यानि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(एसआईआर) का काम तेजी से चल रहा है। जिला प्रशासन ने दावा किया है कि अब तक इसके लिए जिले में 13 लाख से अधिक फॉर्म बांटे जा चुके हैं। जबकि 7.5 लाख मतदाओं की मैपिंग भी पूरी हो चुकी है। शहर के विभिन्न वार्डों में बीएलओ घर-घर पहुंच रहे हैं और मतदाताओं की पहचान कर उनको फार्म बांट रहे हैं। वहीं कई स्थानों पर लोग भ्रमित भी हो रहे हैं, ऐसे में पहले उनकी काउंसिलिंग की जाती है। इसके बाद उनसे फार्म भरवाया जाता है।
एसआईआर के काम में लापरवाही बरतने वाले 2 बूथ लेवल ऑफिसर को सस्पेंड करने का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा गया है। इनमें से एक बीएलओ ने मैपिंग कार्य और फॉर्म तो ले लिए लेकिन किसी मतदाता के घर नहीं गए। इस वजह से बूथ क्षेत्र में काम नहीं हुआ। इस मामले में टीटी नगर तहसीलदार के प्रस्ताव को एसडीएम अर्चना शर्मा ने कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को भेजा है।
इन लापरवाही की वजह से होगी कार्रवाई
सहायक ग्रेड-3 संतोष कुमार तिवारी ने अब तक मैपिंग कार्य व गणना पत्रक प्राप्त नहीं किए। वहीं, दूसरे प्रस्ताव में सहायक ग्रेड-3 सक्षम सिंह राजपूत को सस्पेंड करने की अनुशंसा की गई। राजपूत को ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने के लिए नोटिस दिया था। जिसका उन्होंने प्राधिकृत अधिकारी को कोई जवाब नहीं दिया। इन्होंने मैपिंग कार्य एवं गणना पत्रक प्राप्त भी कर लिए, लेकिन काम नहीं किया। जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत निलंबन की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
2029 बीएलओ की मॉनिटरिंग के लिए 250 सुपरवाइजर
जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि जिले में 7.5 लाख मतदाताओं की मैपिंग हो चुकी है। कुल 2029 बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की मॉनिटरिंग के लिए 250 सुपरवाइजर भी तैनात किए गए हैं। आधिकारियों का कहना है कि अधिकांश बीएलओ ने फील्ड पर तो काम किया, लेकिन बीएलओ ऐप में डाटा अपलोड नहीं किया जिससे आंकड़ों में भी अंतर आ रहा है। वहीं अधिकारियों ने बताया कि अपने विधानसभा क्षेत्र में विधायकों ने वर्ष 2003 की वोटर सूची का लोगों को एसआईआर उपलब्ध कराने के लिए सेंटर खोले है। यह सेंटर नरेला, दक्षिण पश्चिम, भोपाल मध्य और हुजूर में खोले गए हैं। यहां मतदाता 2003 की मतदाता सूची में अपना नाम तलाश रहे हैं।
एसआईआर को लेकर लापरवाही नहीं करेंगे बर्दाश्त
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अधिकारियों से कहा कि इस काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। साथ ही सभी ईआरओ को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्र के सभी बीएलओ के कार्यों की निगरानी करें और स्थिति को नियमित रूप से रिकार्ड में अपडेट करें। इसके अलावा प्रत्येक बीएलओ से निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण कराए जाने के निर्देश भी दिए है। साथ ही कहा है कि कॉल सेंटरों को पूर्ण रूप से संचालित करते हुए, कार्य के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए।
कई क्षेत्रों में अब तक नहीं पहुंचे बीएलओ
जिला प्रशासन के अधिकारी भले ही जिले में 13 लाख से अधिक फार्म बांटने का दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अधिकांश जगह बीएलओ अभी मैदान में उतरे ही नहीं है। कई स्थान ऐसे है जहां मतदाताओं को बीएलओ का इंतजार है। यह इसलिए भी क्योंकि एसआईआर को लेकर कई लोग भ्रमित हैं। उनको यह लग रहा है कि यदि उनके घर बीएलओ नहीं पहुंचे तो कहीं वोटर लिस्ट से उनका नाम गायब न हो जाए।









