VIT यूनिवर्सिटी विवाद पर मंत्री इंदर सिंह परमार का संज्ञान, जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित

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सीहोर।  सीहोर में स्थित VIT यूनिवर्सिटी में छात्रों के प्रदर्शन के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. अब इस मामले पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने संज्ञान लिया है. जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. जांच समिति 3 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी. छात्रों ने आरोप लगाया है कि दूषित खाना और पानी की वजह से बच्चे बीमार हो रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रबंधन से शिकायत के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई।

समिति में कौन-कौन हैं?

मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, भोपाल द्वारा गठित जांच समिति में 3 सदस्य हैं. इसमें शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अनिल शिवानी (अध्यक्ष), शासकीय मोतीलाल विज्ञान कॉलेज के प्राध्यापक प्रोफेसर संजय दीक्षित (सदस्य) और शासकीय गांधी चिकित्सा कॉलेज के प्राध्यापक डॉक्टर डॉ. लोकेंद्र दवे (सदस्य) हैं।

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‘झूठी अफवाह फैलाई जा रही हैं’

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार केके नायर ने बात करते हुए छात्रों के दावों को झूठा बताया है. उन्होंने कहा है कि सोशल मीडिया के माध्यम से झूठी अफवाह फैलाई जा रही है. छात्रों ने झूठ कहा है की प्रदूषित पानी और प्रदूषण खाना मिल रहा है, ये सही नहीं है. कॉलेज प्रबंधन पानी की समय-समय पर जांच करता है. उन्होंने आगे कहा कि कुछ बच्चों को हमने कहा है जो दूसरे राज्यों से हैं वह रुकना चाहते हैं तो रह सकते हैं, उनकी व्यवस्था की जा रही है. 8 दिसंबर तक कॉलेज में अवकाश घोषित किया गया है।

छात्रों ने विरोध जताते हुए कैंपस में आगजनी की

VIT कैंपस का माहौल देर रात बेहद तनावपूर्ण हो गया. आक्रोशित छात्रों ने हॉस्टल ब्लॉक और प्रशासनिक विंग के बाहर जमकर हंगामा किया. छात्रों ने परिसर के कुछ हिस्सों में आग भी लगा दी, जिसके चलते कैंपस में अफरा-तफरी मच गई. कॉलेज प्रशासन के रवैये और गंभीर आरोपों ने स्थिति को और अधिक विस्फोटक बना दिया है. इसी दौरान कैंपस में खड़ी एक बस में भी आग लगा दी गई. बताया जा रहा है कि कुछ छात्रों की तबीयत काफी बिगड़ी है और उनमें पीलिया के लक्षण पाए गए हैं. छात्रों की संख्या लगभग दो दर्जन बताई जा रही है. यूनिवर्सिटी में हुए इस हंगामे के वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।