जबलपुर: मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की तर्ज पर अवकाश के नियमों में परिवर्तन किया है, जो 1 जनवरी से लागू हो रहे हैं. यह परिवर्तन लगभग 45 साल बाद किया गया है. मोहन सरकार ने कुछ सहूलियत दी है, तो वहीं अवकाश को लेकर एक कड़ी टिप्पणी भी की है कि अवकाश का दावा अधिकार के रूप में नहीं किया जा सकता. सक्षम अधिकारी चाहे तो आपकी छुट्टी निरस्त भी कर सकता है.
सिविल सेवा अवकाश नियम 2025 होगा लागू
मध्य प्रदेश सरकार 1 जनवरी 2026 से सिविल सेवा अवकाश नियम 2025 लागू करने जा रही है. मध्य प्रदेश में अभी तक 1977 के अवकाश नियम लागू थे. जबलपुर की राजस्व निरीक्षक अलंकृति राजपूत ने बताया कि "नए प्रावधानों में महिला कर्मचारियों के लिए 13 सीएल के साथ ही 7 अतिरिक्त सीएल का प्रावधान किया है. इस प्रावधान से हम बेहद खुश हैं, क्योंकि महिलाओं को कई बार इन छुट्टियों की जरूरत होती है."
पहली बार सिंगल फादर के लिए सुविधा
जबलपुर डिस्टिक ऑफिस क्लर्क कोऑपरेटिव सोसाइटी के सदस्य विनीत मिश्रा का कहना है कि "मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार ने कर्मचारियों की छुट्टियों को लेकर जो बदलाव किए हैं, वह उनका स्वागत करते हैं. अभी तक सिंगल मदर को छुट्टी का प्रावधान था, लेकिन अब सिंगल पेरेंट फादर को भी 730 दिन की छुट्टी का प्रावधान किया गया है. इससे उन कर्मचारियों को बेहद मदद मिलेगी, जिनके साथ कभी सिंगल पैरंट फादर बनने की स्थिति बन जाती है."
सरोगेसी या गोद लेने की स्थिति में मिलेगा अवकाश
सार्वजनिक मातृत्व अवकाश अब सरोगेट माताओ के लिए भी उपलब्ध होगा. सरोगेट करने वाली माता को 180 दिन का अवकाश मिलेगा. वहीं, किसी बच्चे को गोद लेने पर भी 15 दिन की छुट्टी का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही गंभीर रूप से बीमार कर्मचारियों के लिए छुट्टी लेने की आवेदन प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है. यदि कर्मचारी पढ़ाई करना चाहता है, तो उसे अधिकतम 2 साल की अध्ययन अवकाश की सुविधा दी गई है.
300 दिन का मिलेगा अर्जित अवकाश (EL)
सरकारी कर्मचारियों के लिए नए नियमों में इस बात पर जोर दिया गया है कि अवकाश के दौरान सरकारी कर्मचारी कोई रोजगार नहीं करेगा. यदि वह रोजगार करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी. अर्जित अवकाश के बारे में भी सरकार ने अभी एकरूपता कर दी है. आभार कर्मचारी को अपने पूरे नौकरी काल में 300 दिन का अर्जित अवकाश मिलेगा. सरकारी शिक्षकों को भी अब 10 दिन की अर्जित अवकाश मिलेगा.
प्रमोशन की मांग
विनीत मिश्रा का कहना है कि "मोहन सरकार ने जिस तरह अवकाश को लेकर नियम बनाए हैं, उसी तरह सरकार को पदोन्नति के लिए भी कुछ करना चाहिए. जबलपुर कलेक्ट्रेट में 7 ऐसे कर्मचारी इस साल रिटायर होंगे, जिन्होंने पूरे जीवन एक ही पोस्ट पर काम किया, उन्हें कभी पदोन्नति नहीं मिली. गायत्री चौबे ने बताया कि "1988 में लिपिक के पद पर पदस्थ हुई थी और वे शाल लिपिक के पद पर ही रिटायर भी हो जाएगी. उन्हें कभी प्रमोशन नहीं मिला."
मेडिकल अवकाश में परिवर्तन
पुराने नियमों में केवल मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर कर्मचारियों को अवकाश मिल जाता था, लेकिन नए नियम में मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ ही प्राधिकृत अधिकारी की स्वीकृति भी जरूरी रहेगी. ऐसी स्थिति में यदि मेडिकल सर्टिफिकेट से अधिकारी सहमत नहीं है, तो वह छुट्टी कैंसिल भी कर सकता है.









