इंदौर । जिस रिश्ते को एहसान अंसारी नामक एक मुस्लिम युवक ने मौलवी, परिवार और पूरे समाज के सामने कुबूल है, कुबूल है, कुबूल है कहकर कुबूल किया था, उसी रिश्ते को उसने भरे बाजार में एक झटके में हलाक (वध) कर दिया। बात भी इतनी मामूली थी कि वह अपनी बीवी के साथ सब्जी मंडी में सब्जी खरीद रहा था। वहां जरा-सी कहासुनी हुई और उसने 23 वर्षीय बीवी शगुफ्ता अंसारी को तलाक, तलाक, तलाक कहा और चलता बना। पुलिस ने आरोपित पर मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। कोतवाली पुलिस के मुताबिक दौलतगंज निवासी शगुफ्ता अंसारी की वर्ष 2018 में तंजीम नगर (खजराना) निवासी एहसान अंसारी से मुस्लिम रिवाज से शादी हुई थी। कुछ समय बाद ही पति-पत्नी में मतभेद शुरू हो गए। पत्नी शगुफ्ता के मुताबिक, पति एहसान अंसारी एल्यूमिनियम फ्रेब्रिकेशन का काम करता है। शादी के बाद से ही दहेज की मांग कर प्रताड़ित करने लगा था। शगुफ्ता के माता-पिता ने कुछ मदद भी की। पति फिर भी शगुफ्ता को परेशान करता रहा। बाद में शगुफ्ता अपने पिता मुजीबुर रहमान के घर दौलतगंज रहने आ गई। एहसान ने रखने से इन्कार किया तो शगुफ्ता ने कुटुम्ब कोर्ट में भरण-पोषण का केस दायर कर दिया। इसके बाद एसहान उसे रास्ते में ही परेशान करने लगा। 23 नवंबर 2022 को शगुफ्ता सब्जी खरीदने जा रही थी, तो एहसान ने धमकी देकर कहा, कुटुम्ब कोर्ट में दायर केस वापस ले लो। शगुफ्ता के मना करने पर पीटा और सब्जी मंडी में ही तीन बार तलाक कहकर चला गया। लंबे वक्त तक शगुफ्ता सुलह की काेशिश करती रही। 12 जनवरी को उसने घटना माता-पिता को बताई और आरोपित पर मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया।
दारुल कजा की बैठक में कहा ‘पांच लाख रुपये दो’
शगुफ्ता के मुताबिक मुस्लिम समाज और दारुल कजा के माध्यम से रिश्ता बचाने और घर बचाए रखने की कोशिश की थी। पिता की आर्थिक स्थित कमजोर थी, फिर भी उन्होंने करीब डेढ़ लाख रुपए एहसान को दिए। इसके बाद भी वह दारुल कजा में पांच लाख रुपये मांगने लगा। परेशान होकर वह पिता के पास रहने लगी थी। मायका आर्थिक रूप से कमजोर था इसलिए भरण-पोषण की मांग करना पड़ी। एहासन ने इसी बात से नाराज होकर भरे बाजार तलाक देकर छोड़ दिया।