भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को आदिवासी समाज के लिए बड़ा ऐलान किया. उन्होंने भोपाल में आयोजित आदिवासी देव लोक महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि अब सरकार भगोरिया समेत अन्य त्यौहार भी बड़े पैमाने पर मनाएगी. इस कार्यक्रम में आदिवासी समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए. इस मौके पर सीएम ने मुख्यमंत्री निवास को जनता को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह निवास अब जनता का घर है। हमारे आदिवासी समाज में गोंडी भाषा, कोरकू भाषा, भीली भाषा, भिलाला भाषा समेत कई भाषाएं हैं. इन भाषाओं का स्वर आत्मा से निकलता है। हम इन भाषाओं के शब्द भले ही न जानते हों, लेकिन इनसे प्रेम का रस टपकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हमारे लिए चुनाव का समय नहीं है, लेकिन मैं खुद और आप सभी को प्रेम की इस गंगा और परंपरा और संस्कृति के आनंद में डुबकी लगवाना चाहता हूं. हमारे सभी त्यौहार महत्वपूर्ण हैं।
इन त्यौहारों को मनाने का आनंद अलग ही होता है। हमने देवी-देवताओं को नहीं देखा, लेकिन जब हम आदिवासी समाज को देखते हैं, तो सभी देवी-देवताओं को नमन करने का मन करता है। आदिवासी समाज एक भोला-भाला समाज है। उसे जो भी मिलता है, वह उसे खुशी-खुशी स्वीकार कर लेता है। आदिवासी समाज मित्रता के लिए अपनी जान भी दे सकता है। आदिवासी जिस तरह परंपराओं का पालन करते हैं, वह पूरे देश के लिए गौरव की बात है।
आदिवासी समाज ने संकट का सामना गर्व के साथ किया
सीएम ने कहा कि जब-जब देश पर बुरा वक्त आया, जब-जब देश के सामने कोई चुनौती आई, तब-तब बाकी लोग भले ही दब गए हों, डर गए हों, लेकिन हमारा आदिवासी समाज डरा नहीं और चुनौतियों का सामना गर्व के साथ किया। भगवान बिरसा मुंडा, मामा टंट्या भील ने अंग्रेजों को इतना हराया कि उन्हें अपनी जगह का एहसास हो गया। हमने टंट्या मामा के नाम पर विश्वविद्यालय बनाया। रानी दुर्गावती ने अपने जीवन में जो युद्ध लड़े, उसमें जीत हासिल की। गोंडवाना की इस रानी ने 51 युद्ध लड़े और अच्छे-अच्छों को पानी पिलाया। 52वें युद्ध में जब उन्होंने देखा कि वे युद्ध हार जाएंगी, तो उन्होंने किसी के शरीर को छूने से पहले अपने प्राणों की आहुति दे दी। हम सभी को उनके बलिदान को याद करने की जरूरत है। हमारे आदिवासी समाज ने अपना जन्म सफल किया है।
आदिवासी किसान अतिरिक्त बिजली बेच सकेंगे
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी समाज के लिए बहुत काम किया है। उन्होंने हर छोटी जगह पर भी सड़क बनाने का काम किया है। हम निचले स्तर पर एक शक्ति केंद्र बनाएंगे। हम सभी देवी-देवताओं के स्थानों को सर्वश्रेष्ठ बनाएंगे। अब राज्य सरकार भगोरिया जैसे स्थानीय त्योहारों को राज्य स्तर पर मनाएगी। इसकी शुरुआत भगोरिया उत्सव से ही होगी। हमारी सरकार ने ढाई लाख वन अधिकार पत्र वितरित किए हैं। हम सभी खेतों तक पानी पहुंचाएंगे। हम बिजली की व्यवस्था करेंगे। आने वाले 3 सालों में सभी किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे। किसान खुद से पैदा की गई बिजली से खेती और बागवानी कर सकेंगे।
आदिवासी किसान अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच सकेंगे। गेहूं उत्पादक किसानों को अब 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद का लाभ दिया जाएगा। धान उत्पादक किसानों को 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सरकार दूध उत्पादन पर 5 रुपये प्रति लीटर का बोनस भी देगी। भारत दूध और दही के लिए जाना जाता है। सरकार सहकारी समितियों के माध्यम से दूध खरीदेगी। बच्चों की शिक्षा, हर गांव तक पक्की सड़कें, सरकारी बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है।
आदिवासी कलाकारों के खातों में पहुंची राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यहां आए हर आदिवासी कलाकार के बैंक खाते में 5-5 हजार रुपए डालने की घोषणा करता हूं। इसी तरह 946 आदिवासी कलाकारों के खातों में 46 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर की जाएगी। यह राशि 3000 रुपए प्रति पेसा के हिसाब से ग्राम सभा में डाली जाएगी। इस तरह 3 करोड़ 47 लाख रुपए की राशि से ग्राम सभाएं अपने-अपने मंदिरों का विकास कर सकेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आर्थिक सहायता के लिए 3-3 हजार रुपए के चेक भी वितरित किए।