नर्स के खर्राटे और प्रसव पीड़ा से कराहती महिला, वॉशरूम में डिलेवरी, फर्श पर गिरे नवजात की मौत

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छिंदवाड़ा : जिले के चौरई का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र. देर रात प्रसव के तेज दर्द से चीखती महिला. महिला की सास गहरी नींद में सो रही नर्स को उठाने की जद्दोजहद करती रही. नर्स उठी तो लेकिन टालकर बोली धैर्य रखो, अभी बच्चा पैदा होने में समय है. ये कहकर नर्स फिर खर्राटे लेने लगी. वहीं, महिला का दर्द और बढ़ गया. सास फिर दौड़कर नर्स के पास पहुंची और जगाने की कोशिश की.

इसी दौरान दर्द से कराहती महिला अपनी सास के साथ टॉयलेट के लिए वॉशरूम में पहुंची. वॉशरूम में महिला की डिलेवरी हुई. नवजात फर्श पर गिरा और उसकी मौत हो गई. ये सीन बताता है कि मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कैसी व्यवस्था है.

नर्स ने चेकअप कर महिला को भर्ती किया

महिला की सास मालती बाई वनवारी ने बताया "सामुदायिक स्वास्थ केंद्र चौरई में गुरुवार रात लगभग 2 बजे 108 एम्बुलेंस से मंदरिया से सोना कहार को प्रसव पीड़ा के चलते लाया गया. एम्बुलेंस में महिला और उसके परिजन थे. आशा कार्यकर्ता परिजनों की सूचना के बाद भी मौके से नदारद थी. अस्पताल में डॉक्टर उपस्थित न होने से नर्स ने महिला की जांच की. नर्स ने बताया कि डिलीवरी में समय है. कल शाम तक डिलेवरी होगी. नर्स बच्चे की धड़कन और बीपी आदि सब सामान्य बताकर वार्ड में भर्ती कर सोने के लिए चली गई."

चौरई अस्पताल के वॉशरूम में डिलेवरी

भर्ती होने के थोड़ी देर बाद महिला को प्रसव का तेज दर्द होने लगा. महिला की सास 3 बार नर्स को नींद से उठाने और प्रसव पीड़ा की जानकारी देने गई. हर बार नर्स ने उसे बच्चा पैदा होने में वक्त है, कहकर लौटा दिया. महिला जब वॉशरूम पहुंची तो वहीं उसने बच्चे को जन्म दिया. फर्श पर नवजात के गिरने से मौत हो गई. इस प्रकार जिस घर में खुशियां आनी थीं, वहां अब मातम है.

अस्पताल ने गर्भ में नवजात की मौत बताई

घटना के बाद सुबह जब परिजनों को डॉक्टर द्वारा रिपोर्ट दी गई तो उसमें लिखा गया कि ‘मैकरेटेड स्टिलबर्थ’ अर्थात नवजात की मौत गर्भ में ही हो जाना. लेकिन गर्भवती महिला की सास ने बताया कि जब बच्चा गिरा था तो वॉशरूम में रोने की आवाज आई थी. अस्पताल ने मृत शिशु को परिजन को सुपुर्द करने से पहले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए. दस्तावेज में मेडिकल की भाषा में शिशु की मृत्यु का कारण ‘मैकरेटेड स्टिलबर्थ’ लिखा था. परिजनों ने बताया कि जिस रात यह घटना घटी उस दिन ट्रेनी डॉक्टर ने ड्यूटी ज्वाइन की थी ओर उनकी ड्यूटी का पहला दिन था. लेकिन नर्स ने डॉक्टर को जानकारी नहीं दी.

दिन में आला अफसरों ने किया निरीक्षण, रात में हादसा

खास बात ये है कि घटना से कुछ घंटे पहले दिन में संभागीय कमिश्नर धनंजय सिंह एवं जिला कलेक्टर शीलेंद्र सिंह, एसडीएम प्रभात मिश्रा सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने अस्पताल का निरीक्षण किया था. व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए गए. वहीं, रात होते ही लापरवाही के चलते घटना घट गई. चौरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो पर्याप्त स्टाफ है और न ही विशेषज्ञ डॉक्टर. आलम यह है कि सामान्य बीमारियों का इलाज भी यह ठीक से नहीं हो पा रहा है.

परिजनों ने एसडीएम को दिया ज्ञापन

पीड़ित परिजनों ने चौरई SDM प्रभात मिश्रा को ज्ञापन देकर घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई और व्यवस्था सुधारने की मांग की. SDM प्रभात मिश्रा ने बताया "चौरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वॉशरूम में बच्चे के जन्म की घटना को लेकर परिजनों द्वारा ज्ञापन दिया गया है. मैंने जांच के लिए निर्देशित किया है. जांच में जो भी मामला आएगा, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी." वहीं अस्पताल के BMO अशोक सेन का कहना है "दोनों पक्षों के बयान लिए जा रहे हैं. जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी."