प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही के आरोप
भोपाल । भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की नर्सिंग छात्रा सुभांगिनी (23) की हॉस्टल के खराब भोजन से मौत हो गई। बालाघाट निवासी प्रथम वर्ष की इस छात्रा का इलाज पहले बीएमएचआरसी और फिर बालाघाट व एम्स भोपाल में चला, जहां सोमवार को उसकी आईसीयू में मौत हो गई। छात्रा के मौत के बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा उन्होंने आरोप लगाया कि यह मौत अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुई। नर्सिंग स्टूडेंट सोना पटेल ने कहा कि प्रबंधन संवेदनहीनता के साथ-साथ छात्राओं के चरित्र पर सवाल उठाने का काम रहा है। एक अन्य नर्सिंग स्टूडेंट खुशान्श का कहना है कि छात्रा को हॉस्टल में मिले खराब भोजन और दूषित पानी से बीमार होने के बावजूद क्लिनिकल ड्यूटी करने पर मजबूर किया गया। हालत बिगड़ने पर भी समय पर इलाज नहीं दिया गया और छुट्टी पर भेज दिया गया।
छात्रों ने संस्थान की कार्यप्रणाली और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने प्रदर्शन कर निदेशक हटाने और निष्पक्ष जांच की मांग की।
सुभांगिनी की तबीयत 16 सितंबर को बिगड़ी थी। पहले बीएमएचआरसी में उसका इलाज चला, लेकिन सुधार न होने पर परिजन उसे बालाघाट ले गए। वहां स्थानीय अस्पताल में तीन-चार दिन इलाज के बाद उसे एम्स भोपाल रेफर किया गया। आईसीयू में भर्ती होने के बावजूद सोमवार को उसकी जान नहीं बच सकी।
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने आरोप लगाया कि बीएमएचआरसी की हालत बद से बदतर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल की सेवाओं पर ध्यान देने की बजाय निदेशक का झुकाव टेंडरों और निजी डायग्नोस्टिक सेंटर के प्रचार-प्रसार की ओर है। इसके विरोध में और छात्रा को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंपस में कैंडल मार्च निकाला गया।
छात्रों ने दावा किया कि खराब भोजन और दूषित पानी से तीन और छात्राओं की तबीयत बिगड़ी है। शिकायतें लंबे समय से की जा रही थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अस्पताल में इमरजेंसी में इलाज की पर्याप्त व्यवस्था तक मौजूद नहीं है।