भोपाल। मध्य प्रदेश में SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिविजन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. BLO घर-घर जाकर फॉर्म भरवाएंगे. BLO प्रत्येक घर पर कम से कम तीन बार जाएगा. अब इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने BLO से घोषणा पत्र की मांग रखी है. वहीं, MP विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि BJP प्रदेश में आदिवासी वोट काटने की तैयारी कर रही है.
3 बार घर पहुंचेगा BLO
SIR के तहत BLO घर-घर जाकर फॉर्म भरवाएंगे. वह हर घर में कम से कम तीन बार जाएंगे. इस दौरान BLO मृत, स्थानांतरित या डुप्लीकेट मतदाताओं का डेटा अपडेट करेंगे. फॉर्म भरवाने का काम 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक होगा. इसके बाद 9 दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित होगी और दावे-आपत्तियां 8 जनवरी 2026 तक ली जाएंगी. अंतिम सूची 7 फरवरी 2026 को जारी होगी. BLO को गलत जानकारी देने पर एक साल की सजा या जुर्माना हो सकता है.
कांग्रेस ने रखी BLO से घोषणा पत्र लेने की मांग
BLO के तीन बार हर घर जाने के लोकर कांग्रेस ने BLO से घोषणा पत्र लेने की मांग रखी है. कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से कहा कि जिस घर में 15 से अधिक वोटर वहां ध्यान दिया जाए. कांग्रेस ने इस बात पर आपत्ति की है कि एक माह में BLO को तीन बार हर वोटर के घर जाने के लिए कहा गया है, जो संभव नहीं है. यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है. जो BLO एक ही क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे हैं, उनकी अदला-बदली कर स्थानांतरित किया जाना चाहिए.
‘आदिवासी वोट काटने की तैयारी कर रही BJP’
MP विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी SIR को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- ‘SIR 12 राज्यों में देश के अंदर हो रही है. स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन नाम चुनाव आयोग ने दिया. सेलेक्टिव इंटेंसिव रिमूवल मैं नाम दे रहा हूं. SSR हमेशा चुनाव आयोग करता आया है. BJP ने चुनाव आयोग के पक्ष में PC कर एजेंट बनकर जवाब देने का प्रयास किया. अंतिम सूची में जोड़े नाम को नहीं दिया जाए और न पोर्टल पर डाले. चुनाव आयोग गड़बड़ कर रहा है. हम कैसे विश्वास करें. 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक कैसे संभव है कि आप देश भर के वोटरों की गणना कर लेंगे. सिर्फ 12 राज्य ही क्यों असम में चुनाव होना है. वहां नहीं करा रहे. NRC को लेकर बहाना बनाया है.’
आदिवासी दूर-दराज के क्षेत्र में रहते हैं
उन्होंने आगे कहा- ‘बिहार में 60 लाख के नाम छोड़े उसके बाद 40 से 42 लाख किए. बाहर काम करने वाले मजदूर के नाम डिलीट किए हैं. मध्य प्रदेश के 40-50 लाख लोग बाहर रह रहे हैं. MP में 50 लाख लोगों का वोट कटेगा. यह बीजेपी की साजिश है अगले चुनाव को लेकर. 2030 चुनाव से पहले 16 लाख वोट नए जोड़े गए थे, जिसके चलते भाजपा की 40 सीट प्रभावित हुई. BJP आदिवासी वोट काटने की तैयारी कर रही है. आदिवासी दूर-दराज के क्षेत्र में रहते हैं उनके पास कोई भी दस्तावेज की समझ नहीं और इंटरनेट नहीं. वन पट्टे के आधार पर नाम जोड़ने की बात कही पर कई वन पट्टे बीजेपी सरकार ने निरस्त कर दिए.’ नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आगे कहा- ‘अल्पसंख्यक को ओबीसी समाज के वर्ग पर भी यह बात आएगी. वह लोग भी बाहर काम करने के लिए जाते हैं. बिहार चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट को इंटरफेयर करना पड़ा. बार-बार सुप्रीम कोर्ट में सूची प्रकाशन को लेकर इंटरफेयर किया. सुप्रीम कोर्ट को बार-बार इंटरफेयर करना पड़ रहा है तो चुनाव आयोग शंका के घेरे में है. इतनी जल्दबाजी में कर रहे हैं उसके पीछे क्या चुनाव आयोग की मंशा समझने की जरूरत है. चुनाव आयोग आम मतदाता पर जवाबदारी डालना चाहता है. आम वोटर जटिल प्रक्रिया को पूरी नहीं कर पाता. यह प्रक्रिया मतदाता सूची की सफाई की प्रक्रिया नहीं लोकतंत्र की सफाई की प्रक्रिया है. ‘









