भोपाल। मध्यप्रदेश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कंटेंट, वीडियो इंटरनेट मीडिया पर अपलोड और शेयर करने के एक मामले में सजा हुई है। प्रदेश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में ग्वालियर जोन में पहली बार सजा हुई है। सजा पाने वाला बाल अपचारी है, उसे किशोर न्यायालय ने सजा सुनाई है। स्टेट साइबर सेल ने बिना फरियादी विदेश से मिली सूचना के आधार पर मामले दर्ज कर जांच कर रही है। बीती रात इंदौर पुलिस ने भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी की पांच मामले अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। एडीजी साइबर सेल योगेश देशमुख ने बताया कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में 67 आईटी एक्ट के तहत ग्वालियर जोन में एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें किशोर न्यायालय ने सजा सुनाई है।
आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स द्वारा चाईल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री शेयर करने वालों पर रखी जा रही है। बिना शिकायतकर्ता के यह मामले दर्ज किए जाते हैं। तकनीकी साक्ष्य के आधार पर मामले दर्ज होते हैं और पुलिस ही इन मामलों में ही साक्षी है। स्टेट साइबर सेल को तीन लाख से अधिक डाटा प्राप्त हुए हैं, जिसमें प्रदेशभर में कुल 245 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। ग्वालियर के जिस मामले में सजा हुई है, बाल अपचारी (नाबालिग आरोपी) ने फेक इंस्टाग्राम आईडी बनाकर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कंटेंट अपलोड किए थे।
4 साल में 3 लाख 32 हजार डाटा प्राप्त
एडीजी देशमुख ने बताया कि भारत सरकार द्वारा अमेरिका की एनसीएमईसी संस्था की सहायतस से चाइल्ड पोर्नोग्राफी संबंधित अपलोड या शेयर करने वाले यूजर का आईपी एड्रेस व अन्य डाटा प्राप्त किया जाता है। बीते 4 वर्ष में प्रदेश को 3 लाख 32 हजार से अधिक ऐसा डाटा प्राप्त हुआ था है, जिसे विभिन्न जिलों और राज्य सायबर जोनों में कार्यवाही के लिए भेजे जा चुके हैं।
राज्य सायबर पुलिस जोन द्वारा ऐसे डाटा की जांच पर 145 प्रकरण पंजीबद्ध किये जा चुके है, जिलों में दर्ज प्रकरणों की संख्या अलग है। सायबर जोन ग्वालियर में टिपलाईन पोर्टल से प्राप्त शिकायत जांच पर दर्ज ऐसे ही एक प्रकरण के आधार पर न्यायालय के द्वारा दंडादेश पारित किया है।
नोट : आरोपी बाल अपचारी है, जिस कारण उसके नाम का उल्लेख नहीं किया गया है।