इस साल चार ग्रहण देखने को मिलेंगे। इनमें दो सूर्य पर और दो चंद्रमा पर लगेंगे। साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने जा रहा है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने बताया है कि 20 अप्रैल को दुर्लभ हाइब्रिड सूर्य ग्रहण लगेगा। यह खगोलीय घटना एक शताब्दी में गिनी-चुनी बार ही देखने को मिलती है। कुछ जगहों पर यह पूर्ण सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। हाल ही में नासा ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से हाइब्रिड सूर्य ग्रहण के बारे में जानकारी दी और बताया कि आप इसे कहां देख सकते हैं। आइए जानते हैं हाइब्रिड सूर्य ग्रहण क्या होता है?
नासा ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ’20 अप्रैल को, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में लोग एक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण को देख पाएंगे। यह हिंद और प्रशांत महासागरों के ऊपर से गुजरेगा।’ नासा ने लिखा, ‘पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी पूरी तरह या आंशिक रूप से एक सीधी रेखा में होते हैं। चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढंक लेता है और उसकी छाया पृथ्वी पर पड़ती है। ध्यान रखें, विशेष उपकरणों के बिना ज्यादातर ग्रहणों के लिए सूर्य को सीधे देखना असुरक्षित हो सकता है।’
कितने प्रकार के होते हैं ग्रहण?
ग्रहण कई तरह के होते हैं- पूर्ण, वलयाकार, हाइब्रिड और आंशिक। पूर्ण ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढंक लेता है जिससे धरतीवासियों को कुछ देर के लिए सिर्फ सूर्य का बाहरी वातावरण- कोरोना- ही दिखाई देता है। सिर्फ इसी ग्रहण के दौरान सूर्य को देखने के लिए चश्मे को पल भर के लिए हटाया जा सकता है। वलयाकार ग्रहण में, चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य के साथ सीधी रेखा में होता है लेकिन पृथ्वी की सतह से बहुत दूर होता है इसलिए सूर्य को पूरी तरह से कवर नहीं कर पाता।’
क्या है हाइब्रिड सूर्य ग्रहण?
नासा ने बताया, ‘हाइब्रिड ग्रहण हमारे ग्रह के वक्र (Curve) के कारण वलयाकार से पूर्ण ग्रहण में बदल जाते हैं। आंशिक ग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह सूर्य के साथ सीधी रेखा में नहीं और सिर्फ आंशिक रूप से सूर्य को ढंकता है।’ 19 अप्रैल को अमेरिका में और 20 अप्रैल को ऑस्ट्रेलिया में, चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरेगा जिससे ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्व एशिया से पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का समय
साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023, शनिवार को लगेगा। भारतीय समय के अनुसार, सूर्य ग्रहण सुबह 7:04 बजे शुरू हो जाएगा, जो दोपहर 12:29 बजे समाप्त होगा। यह दुर्लभ सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, पूर्व और दक्षिण एशिया, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित देशों में देखा जा सकता है।