MP शिवपुरी, मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक पटवारी का काला कारनामा सामने आया है. शिवपुरी इलाके में सूखा राहत राशि जो कि प्रभावित किसानों के लिए रखी गई थी वह उन्हें मिली ही नहीं क्योंकि पटवारी ने वह राशि रिश्तेदारों के खाते में भेज दी थी. पटवारी का काला कारनामा महालेखाकार कार्यालय ग्वालियर की ऑडिट में पकड़ा गया है. यहां के एसडीएम कार्यालय में लिपिक के चार्ज के दौरान पटवारी ने सूखा राहत के 2 करोड़ 78 लाख रुपये डकार लिए. फर्जीवाड़ा करते हुए रुपए अपनी पत्नी, बच्चे और संबंधियों के खातों में ट्रांसफर कर लिए. फिलहाल पटवारी को सस्पेंड कर फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी गई है.
क्या है पुरा मामला
शिवपुरी जिले में एसडीएम कार्यालय पोहरी में वर्कलोड पटवारी मणिकांत जैन ने प्रभारी नायब नाजिर की जिम्मेदारी संभालते हुए किसानों को जारी सूखा राहत के 2.78 करोड़ रुपए फर्जी खातों में ट्रांसफर कर दिए. महालेखाकार कार्यालय ग्वालियर द्वारा जब ऑडिट किया गया तो सूखा राहत राशि का किसानों के बजाय दूसरे नामों के खातों में भुगतान पाया गया. प्रभारी नायब नाजिर के रूप में पटवारी मणिकांत जैन द्वारा किसानों के नाम से जारी सूखा राहत राशि अपनी पत्नी, बच्चे और सगे संबंधियों के खातों में ट्रांसफर कर दी गई थी. बेचारे पीड़ित किसान सूखा राहत राशि का इंतजार करते ही रह गए. ऑडिट में फर्जीवाड़ा सामने आने पर महालेखाकार कार्यालय ग्वालियर द्वारा कलेक्टर शिवपुरी को पत्र लिखा गया.
नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा
कलेक्टर शिवपुरी के पत्र पर एसडीएम पोहरी शिवदयाल धाकड़ ने पटवारी मणिकांत जैन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर बैराड़ तहसील कार्यालय अटैच कर दिया है. पटवारी को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा गया है. बताया जा रहा है कि कर्मचारियों की एरियर्स और अन्य मदों के भुगतान में भी फर्जीवाड़ा सामने आया है. कहा जा रहा है कि मामले की विस्तृत जांच के बाद उसके काले चिट्ठे का खुलासा होगा. एसडीएम शिवदयाल धाकड़ के मुताबिक, ऑडिट में सूखा राहत के 2.78 करोड़ रुपए कपटपूर्वक भुगतान पकड़ा गया है.पटवारी को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है.