भोपाल । चुनावी साल में प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग लगातार तीक्ष्ण होती जा रहा है। हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पूर्ववर्ती कमल नाथ सरकार के गिरने की वजह विधायकों की खरीदफरोख्त बताते हुए उज्जैन में यह बयान दिया था कि 'हे प्रभु, हे महाकाल, कांग्रेस में दूसरा कोई ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा न हो।' उनके इस बयान पर शनिवार को सीएम शिवराज सिंह ने पलटवार किया। सीएम शिवराज ने कहा कि दिग्विजय सिंह ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत जो कांग्रेस छोड़कर साथी भाजपा में आए हैं , उन्हें गद्दार बता रहे है लेकिन वह याद रखें कि वह गद्दार नहीं ,खुद्दार हैं। शिवराज ने सवालिया अंदाज में कहा कि आखिर वो कांग्रेस में कितना अपमान सहते। (कांग्रेस ने) चुनाव लड़ा सिंधिया के नाम पर और मुख्यमंत्री बना दिया बुजुर्ग कमल नाथ को! और सरकार भी कमल नाथ नहीं पीछे से दिग्विजय सिंह चला रहे थे। कमल नाथ तो नाममात्र के चेहरे थे। उस दौरान बार-बार सिंधिया जी और उनके साथी जनसमस्याओं की तरफ ध्यान दिला रहे थे। लेकिन कमल नाथ जी का अहंकार इतना बड़ा था कि जब सिंधिया जी ने कहा कि हम सड़कों पर उतरेंगे तो कहा उतर जाओ। घमंड इतना कि कहते हैं कि मैं गाड़ी में बैठाकर दूसरी पार्टी में छोड़ आऊंगा। कोई भी खुद्दार यह कैसे बर्दाश्त करता। (विधायक) मिलने जाएं तो कहते थे चलो-चलो…आखिर कितने अपमानित होते!
शिवराज ने आगे कहा कि अगर वे गलत लोग होते तो जनता उनको हजारों वोटों से कैसे जिताती? जो कांग्रेस में रहकर हज़ार-दो हज़ार वोटों से जीते थे, वह भाजपा में आकर 50-60 हजार वोटों से चुनाव जीते। उन्होंने इस्तीफा दिया, चुनाव लड़ा और शान से जीतकर आए। लेकिन कांग्रेस में तो छोटेपन और ओछेपन की होड़ लगी हुई है। हर नेता दूसरे नेता को छोटा करने के लिए बड़ा बयान देना चाहता है। कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी भी इस होड़ में शामिल है। सूत ना कपास , ना जुलाहों में लठ्ठम लट्ठा। कांग्रेस का क्या होगा भगवान मालिक है…।