उज्जैन: शहर के 2 बड़े शासकीय कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने एबीवीपी संगठन के साथ शनिवार देर रात कलेक्टर के बंगले के बाहर अनोखा प्रदर्शन किया. छात्र छात्राओं ने उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के बंगले के बाहर बिस्तर डाल प्रदर्शन किया. शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज एवं शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र छात्राओं ने अपने अपने कॉलेजों के प्राचार्यों पर गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना है कि दोनों कॉलेजों के होस्टलों में रह रहे मध्य प्रदेश व अन्य जगह के कुल 120 छात्र छात्राओं का सामान प्राचार्यों ने होस्टल के कमरों से बाहर फिंकवा दिया और कमरों में ताले लगा दिए हैं.
छात्र-छात्राओं का सामान फिकवाया हॉस्टल के बाहर
मजबूरन छात्र छात्राओं को बीते कुछ दिनों से होस्टल के बाहर गुजारा करना पड़ रहा है. छात्र छात्राओं ने प्रदर्शन के दौरान कहा, मेस भी बंद कर दी गई. वे मध्य प्रदेश के अलग अलग जिलों से व अन्य राज्यों से यहां पढ़ने आए हुए हैं, ऐसे में वो कहा जाएंगे. रहना खाना कैसे करेंगे? छात्रों ने जब कलेक्टर बंगले के बाहर बिस्तर डालकर प्रदर्शन शुरू किया तो प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया. पुलिस-प्रशासन और दोनों कॉलेज के प्राचार्य प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे. छात्र छात्राओं से चर्चा की और उन्हें समस्या को हल करने का आश्वासन दिया.
प्राचार्यों के प्रतिनिधियों ने क्या कहा?
दोनों ही कॉलेजों की ओर से कहा गया, "जब छात्र छात्राओं को एडमिशन दिया गया था तब स्पष्ट कर दिया गया था कि 1 साल के लिए ही हॉस्टल सुविधा मिलेगी." शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज प्रोफेसर इंचार्ज एल एस टिगारे ने कहा, "चूंकि एक साल पूरा हो गया. अब जो नए एडमिशन हुए हैं उन छात्र छात्राओं को हॉस्टल सुविधा दी जानी है. सभी छात्र छात्राओं को 2 महीने पहले से हॉस्टल खाली करने के लिए नोटिस दिए जा चुके थे. जब किसी ने भी हॉस्टल खाली नहीं किया, तो सख्ती दिखानी पड़ी."
''कॉलेजों के पास होस्टल एक-एक ही है और उनमें कमरों की कैपिसिटी भी ज्यादा नहीं है. इस वजह से ये परेशानी बार बार खड़ी होती है. 1 साल के लिए ही ये सुविधा दी जाती है. जिससे कि छात्र छात्राओं को 1 साल में अपने रहने की व्यवस्था कहीं और कर लें. अभी 170 नए छात्र छात्राओं के आवेदन आए है. उन्हें हमे ये जगह देना है. हम भी क्या करें?"
क्या हुआ निराकरण?
मौके पर पहुंचे एसडीएम एलएन गर्ग, तहसीलदार एवं सीएसपी ने छात्र छात्राओं और प्राचार्यों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर मामला सुलझाया. एसडीएम एलएन गर्ग ने कहा, "दोनों पक्षों से चर्चा कर प्रदर्शन खत्म करवा दिया है. तय हुआ है जब तक कॉलेजों के पास सभी छात्र-छात्राओं के लिए दूसरी व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक स्थिति यथावत रहेगी. जिन छात्र छात्राओं को निकाला गया उन्हें वापस उनके कमरों में शिफ्ट करवाने का फैसला हुआ है.''
''होस्टल में कमरों की कैपेसिटी व नए छात्रों के रहने की व्यवस्था के लिए कॉलेज अपने स्तर पर भोपाल मुख्यालय में चर्चा कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे. जब तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो जाता, तब तक किसी छात्र को कॉलेज द्वारा निकाला नहीं जाएगा ना ही परेशान किया जाएगा. सभी छात्र मान गए हैं और प्रदर्शन खत्म कर दिया है."