सीधी । सीधी बस हादसे में व्यवस्था की भी मौत हो चुकी है। जीवित तो छोडि़ए यहां मृत लोगों के शरीर घर तक लाने के लिए कोई भी वाहन उपलब्ध नहीं कराया जा सका। सीधी बस हादसे में मरने वालों के शवों को घरों तक पहुंचाने के लिए शव वाहन भी नहीं मिल सका। अपनी व्यवस्था करके किसी तरह ट्रैक्टर की ट्राली में रखकर घर तक पार्थिव शरीर ले गए। शवों के घर पर लाने के बाद सिर्फ चीखपुकार ही मची रही। लोगों का आना जाना लगा रहा। लोग एक-दूसरेेको सांत्वना देते रहे। घटना में मौजूद बस में सवार अशोक कूल पुत्र नवरंगी 32 वर्ष निवासी पणखुरी सत्तरी ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर वह बस से रक्षा मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने गए हुए थे उनकी बस में 60 से 61 लोग के करीब सवार थे। सभा के समापन के बाद अपने घर उसी बस से लौट रहे थे। टनल के पास दोनों बसें खड़ी हुई थी और सभी बस में सवार थे करीब 4 की संख्या में बस से उतर कर लो लंच पैकेट लेकर बैठने की तैयारी कर रहे थे इसी दौरान पीछे से आया और जोरदार ठोकर मार दिया। जिससे हम बीच में बैठे थे तो बच गए बाकी कई लोग घायल हो गए। बेहोश हो गए थे। एंबुलेंस जिला अस्पताल लाया गया था।
सीधी में ट्रैक्टर ट्राली में रखकर पहुंचाए गए पार्थिव शरीर, नहीं मिला शव वाहन
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