इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में एयर डिफेंस, इंडियन आर्मी और नेवी के लिए आधुनिक ड्रोन तैयार किए जा रहे हैं. पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में उपयोग किए गए मध्य प्रदेश के स्वदेशी ड्रोन अब जीरो से माइनस 40 डिग्री के बर्फीले तापमान में 18000 फीट ऊंचाई तक उड़ सकते हैं, जिससे वे भारत चीन सीमा की भी निगरानी कर सकेंगे. हाल ही में इंदौर की पिसर्व (Pisarv) इनोवेशन एण्ड टेक्नोलॉजी नामक कंपनी ने पहली बार इतनी ऊंचाई तक उड़ सकने वाले ड्रोन विकसित कर लिए हैं. जिनका उपयोग देश की सैन्य सुरक्षा में हो सकेगा.
18 हजार फीट ऊंचाई तक उड़ेगा इंदौर में तैयार ड्रोन
इजराइल ईरान और रूस यूक्रेन युद्ध के अलावा फिलहाल युद्ध जैसे हालातों वाले देशों में एयर अटैक और डिफेंस सिस्टम के लिए अत्याधुनिक फाइटर और जेट विमान के स्थान पर अब अत्याधुनिक ड्रोन का उपयोग हो रहा है. इसके अलावा एयर डिफेंस से लेकर मिसाइलों को डिफ्यूज करने के लिए अब तमाम देशों में ड्रोन की मदद ली जा रही है. इन हालातों में देश में ड्रोन तैयार करने वाली कंपनियां भारतीय सैन्य क्षेत्र में तरह-तरह के उपयोग के लिए आधुनिक ड्रोन तैयार कर रही हैं.
उनके ड्रोन अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देश की टेक्नोलॉजी जितने आधुनिक और उन्नत बताए जा रहे हैं. कुछ इसी तरह के ड्रोन इंदौर में तैयार किए गए हैं. जिनकी टेस्टिंग हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के अलावा लेह लद्दाख और कश्मीर के इंटरनल सिक्योरिटी ऑपरेशन में हुई है. इंदौर में इन्हें बनाने वाली कंपनी ने अब एक ऐसे आधुनिक ड्रोन को विकसित किया है, जो 18000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है.
भारत-चीन सीमा पर हुई टेस्टिंग, नहीं होंगे हैक
पूरी तरह से स्वदेशी नभ रक्षक नामक इस ड्रोन की टेस्टिंग हाल ही में भारत चीन सीमा पर सैन्य निगरानी में की गई है. इसे तैयार करने वाले अभिषेक मिश्रा और दुर्गेश शुक्ला बताते हैं कि "ड्रोन टेक्नोलॉजी में अब ऐसे स्वदेशी ड्रोन उनके द्वारा विकसित किए गए हैं, जो उड़ान भरते समय ना तो हैक किए जा सकेंगे, ना ही अन्य किसी देश के जीपीएस सिस्टम से इन्हें कंट्रोल किया जा सकेगा. भारतीय सेना के इशारे पर यह ऑटो पायलट मोड में चलते हुए किसी भी युद्ध ऑपरेशन के अलावा देश की सीमा पर लगातार निगरानी कर सकेंगे.
नाइट विजन से लैस, भारतीय सेना ने लिए 300 ड्रोन
उन्होंने बताया उनके द्वारा देश की सेना के अलावा कई बड़ी कंपनियों, पुलिस और वन विभाग जैसे विभागों के लिए उनके उपयोग के लिहाज से ड्रोन तैयार किए गए हैं. जो आसमान में 102 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरकर लंबे समय तक काम कर सकते हैं. इनमें नभ रक्षक तेजस, तपो और नभ रक्षक वाहक जैसे ड्रोन हैं. अभिषेक बताते हैं कि उनके यह ड्रोन नाइट विजन कैमरे से लैस होकर रात में भी सीमा की निगरानी करते हैं. इसीलिए भारतीय सेना ने उनसे इसी तरह के 300 ड्रोन सेना के ऑपरेशन के लिए लिए हैं, जो साइबर हैकिंग के अलावा अन्य टेक्नोलॉजी से नियंत्रित नहीं हो.
इन तरह की टेक्नोलॉजी से हो रहे अपग्रेड
आधुनिक ड्रोन तैयार करने वाली पिसर्व टेक्नोलॉजी कंपनी अभिषेक मिश्रा, रोशनी मिश्रा और दुर्गेश शुक्ला द्वारा स्थापित एक स्टार्टअप है. जिन्होंने कुछ ही सालों में इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी, इंडियन एयर फोर्स के अलावा मध्य प्रदेश पुलिस, मध्य प्रदेश शासन के वन विभाग सहित भारत इलेक्ट्रिकल्स जैसी सार्वजनिक कंपनियों को उनकी जरूरत के हिसाब से ड्रोन तैयार करके दिए हैं. इन ड्रोन की खासियत यह है कि यह पूरी तरह से हैकिंग प्रूफ है, जो ऑटो पायलट मोड में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए काम करने में सक्षम है.
देश का पहला वाचक ड्रोन रिमोट कंट्रोल सिस्टम तैयार
वहीं उनकी कंपनी द्वारा वाचक नामक देश का पहला ड्रोन रिमोट कंट्रोल सिस्टम भी तैयार किया गया है. ऑपरेशन सिस्टम और प्रोग्रामिंग भी पूरी तरह से स्वदेशी है. जो इनके द्वारा तैयार ड्रोन को जरूरत के मुताबिक कैसे भी उपयोग के लिए सक्षम बनाती है. पिसर्व कंपनी की को-फाउंडर रोशनी शुक्ला बताती हैं कि "उनके द्वारा न केवल ड्रोन देश भर में सप्लाई किए जाते हैं, बल्कि ड्रोन को ऑपरेट करने के तरीके अथवा उनकी देखभाल और अपग्रेडेशन के लिहाज से वे आर्मी के अलावा नेवी और अन्य एजेंसियों के प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग भी देती हैं.
जिससे कि आधुनिक ड्रोन के ऑपरेशन के लिहाज से मैनपॉवर भी अपग्रेड हो सके. जो अपनी योग्यता के साथ अत्याधुनिक ड्रोन को देश की रक्षा के लिए उपयोग कर सके."









