सिंगरौली । एक पिता को अपने नवजात बच्चे काशव ले जाने के लिए शव वाहन तक नसीब नहीं हुआ। मजबूर होकर वह अपनी बाइक की डिक्की में शव लेकर मदद के लिए कलेक्टर के पास पहुंच गया। पीड़ित ने डाक्टर पर शासकीय अस्पताल मेें प्रसव कराने के बजाए उसकी पत्नी को निजी क्लीनिक ले जाने और क्लीनिक कर्मचारियोें पर रुपये लेने का आरोप भी लगाया है। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। मामला सिंगरौली जिला अस्पताल का है। दिनेश भारती अपनी पत्नी मीना का प्रसव कराने के लिए सोमवार को सिंगरौली जिला अस्पताल पहुंचा था। आरोप है कि पहले यहां पदस्थ डाक्टर सरिता शाह ने प्रसव कराने के बजाए महिला को निजी क्लीनिक भेज दिया। क्लीनिक केकर्मचारियों ने उससे पांच हजार रुपये भी लिए। जब क्लीनिक के कर्मचारियों को यह पता चला कि बच्चे की कोख में ही मौत हो चुकी है तो उसे वापस जिला अस्पताल भेज दिया गया और वहां उसके मृत बच्चे को निकाला गया। स्वजन का कहना है कि बच्चे के शव को अपने गांव ले जाकर उसका अंतिम संस्कार करने के लिए मंगलवार को शव वाहन या एंबुलेंस की मांग की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उपलब्ध नहीं कराया। इसके बाद वह बच्चे के शव को अपनी बाइक की डिक्की में रखकर कलेक्ट्रेट पहुंचा।
पीड़ित ने लिखित शिकायत दी है। उसने डाक्टर पर पांच हजार रुपये लेने की बात कही है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।
– राजीव रंजन मीणा, कलेक्टर सिंगरौली।