भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में 18 से 19 साल के 22 लाख 36 हजार 564 मतदाता पहली बार वोट करेंगे। बुधवार को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। प्रदेश में कुल 5 करोड़ 61 लाख 36 हजार 229 वोटर हैं। नई लिस्ट में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। अब 1 हजार पुरुषों की तुलना में 945 महिला वोटर हैं, जबकि 2011 में जेंडर रेश्यो 1 हजार पुरुष पर 931 महिलाओं का है। 29 सीटों पर पुरुषों की तुलना में महिला वोटर ज्यादा है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि आबादी के हिसाब से मतदाताओं का अनुपात 64.75% है। जो लोग वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने से छूट गए हैं, वे अपना नाम अभी जुड़वा सकते हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि 2 अगस्त 2023 से अब तक 24 लाख 33 हजार 965 नए मतदाता जोड़े गए हैं। वहीं, 7 लाख 50 हजार 175 नाम हटाए गए। इस हिसाब से कुल 16 लाख 83 हजार 790 मतदाता बढ़े हैं। मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। सामान्य 148, एसटी 47 और 35 सीट एससी के लिए रिजर्व हैं।अब तक जिन मतदाताओं ने वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़वाया है, वह इसकी वजह बताकर आचार संहिता के लागू होने के 10 दिन बाद तक नाम जुड़वा सकेंगे। इसे पूरक वोटर लिस्ट के नाम से नामांकन वापिसी के दिन प्रकाशित किया जाएगा। पूरक वोटर लिस्ट वाले मतदाता भी वोटिंग कर सकेंगे।
बुजुर्ग – दिव्यांग को घर से मतदान की सुविधा
- इस चुनाव में बुजुर्ग और दिव्यांगों को घर से ही मतदान करने की सुविधा दी जा रही है।
- इसके लिए उन्हें 12-डी फॉर्म भरना होगा।
- नामांकन के पांच दिन के अंदर अगर यह फॉर्म भरा जाएगा तो आयोग की टीम घर जाकर मतदान कराएगी।
- मतदान निष्पक्ष रहे, वोट की गोपनीयता बनी रहे, इसके लिए वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
- इसकी सूचना सभी राजनीतिक दलों को दी जाएगी।
उम्मीदवारों को क्रिमिनल रिकॉर्ड की देनी होगी जानकारी
अगर उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड है तो उसे अपने क्षेत्र में तीन बार प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी करना होगा। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी प्रसारित करना होगा, जिसमें उसे यह बताना होगा कि उस पर इस तरह के केस दर्ज हैं। राजनीतिक दल को भी यह प्रकाशित करना पड़ेगा और बताना होगा कि उनको आपराधिक पृष्ठभूमि का उम्मीदवार ही क्यों खड़े करना पड़ा? बताना पड़ेगा कि क्या उसे क्षेत्र में कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला?
64 हजार 523 मतदान केंद्रों पर होगा मतदान
मतदान के लिए प्रदेश में 64 हजार 523 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सब कम मतदाता बालाघाट विधानसभा के सोनेवानी मतदान केंद्र पर 42 हैं। सर्वाधिक 407 मतदान केंद्र सिवनी जिले के लखनादौन विधानसभा क्षेत्र और सबसे कम इंदौर जिले के इंदौर तीन विधानसभा क्षेत्र में 193 हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में 17 हजार 70 मतदान केंद्र संवेदनशील थे।इन्हें चिन्हित करने की प्रक्रिया चल रही है। पिछले चुनाव में सर्वाधिक मतदान रतलाम जिले के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में 89.13 प्रतिशत हुआ था। जबकि सबसे 52.84 प्रतिशत मतदान आलीराजपुर के जोबट विधानसभा में हुआ था।
29 विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाता अधिक
बैहर, निवास, बिछिया, परसवाड़ा, कुक्षी, सैलाना, पानसेमल, आलीराजपुर, बालाघाट, मंडला, बदनावर, मनावर, सरदारपुर, वारासिवनी, रतलाम सिटी, कटंगी, पेटलावद, बरघाट, डिंडौरी, जोबट, झाबुआ, थांदला, पुष्पराजगढ़, छिंदवाड़ा, शाहपुरा, उज्जैन उत्तर, जावरा, इंदौर चार और सेंधवा।