ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में अपने ही पिता की शिकायत करने दो मासूम बच्चियां पुलिस थाने पहुंच गईं। थाना प्रभारी उस समय हैरान हो गए जब दोनों बच्चियों ने अपने पिता को गिरफ्तार करने की मांग करने लगी।
मामला ग्वालियर जिले के भितरवार थाने का है। घर के रोज के लड़ाई- झगड़े से तंग आकर दो मासूम बच्चियां थाने पहुंच गईं। दोनों ने अपने पिता को गिरफ्तार करने की मांग की। घर में होने वाले लड़ाई- झगड़े का असर बच्चों के कोमल मन पर कितना पड़ता है। इसका उदाहरण ग्वालियर के भितरवार कस्बे में सामने आया है। इन बालिकाओं का कहना था कि उनकी मां को पिता ने मारा-पीटा है और यह एक दिन की बात नहीं है। आए दिन घर में इस तरह की घटना होती रहती हैं।
पिता -मां को मारते पीटते हैं
बच्चियों की शिकायत थी कि पिता उनकी मां को मारते पीटते हैं। यह एक दिन की बात नहीं है। वे आए दिन ऐसा ही करते हैं। पुलिस अधिकारियों ने बच्चियों से बात की और उनकी मदद करने का भरोसा दिया। पुलिस माता-पिता से बात की और उनको समझाया कि शांति से जीवन गुजारें क्योंकि घरेलू क्लेश का बच्चों के मन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
पुलिस अधिकारी हैरान रह गए
बच्चियों ने कहा कि घर में होने वाले झगड़े के कारण उन्हें डर के साए में जीना पड़ रहा है। बच्चियों की फरियाद सुनकर पुलिस अधिकारी हैरान रह गए। थाना प्रभारी प्रशांत शर्मा ने बच्चियों को इत्मीनान से अपने ऑफिस में बैठाया और तफ्सील से उनकी समस्याएं सुनीं। इसके बाद थाना प्रभारी बच्चियों को अपने साथ लेकर इनके घर पहुंचे और उनके माता-पिता से बात की।
बच्चियां 8 और 9 साल की हैं
थाना प्रभारी की समझाइश पर आखिरकार माता-पिता ने आपस में झगड़ा नहीं करने का वचन दिया। उसके बाद बच्चियों को भी समझा बुझाकर भितरवार थाने की पुलिस लौट गई। पता चला है कि इन बच्चियों की मां ग्रहणी हैं, जबकि पिता किसान हैं। यह बच्चियां 8 और 9 साल की हैं और वर्तमान में पढ़ाई कर रही हैं, लेकिन घर के माहौल से उनका पढ़ाई में मन नहीं लग रहा। यह बात भी उन्होंने थाना प्रभारी प्रशांत शर्मा को बताई थी। इस मामले में थाना प्रभारी प्रशांत शर्मा का कहना है कि बच्चियों के माता-पिता को पुलिस ने समझा बजा दिया है और उन्होंने भी आपस में झगड़ा नहीं करने का वचन दिया है।