महाशिवरात्रि महापर्व 2023 : महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में शिव नवरात्रि की तैयारियां जोरों पर हैं. फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की तिथि पंचमी यानी 10 फरवरी से शिव नवरात्रि पूजन (Shiv Navratri) प्रारंभ हो गया है। भगवान महाकाल भक्तों को दूल्हा रूप में दर्शन देंगे। सुबह आठ से शाम चार बजे तक पूजा-अर्चना का विशेष अनुक्रम होगा। मंदिर के गर्भगृह में सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। दर्शनर्थियों को सुबह छह से 8.30 बजे तक 750 व 1500 रुपये की रसीद पर भगवान महाकाल के दर्शन हो सकेंगे।
महाशिवरात्रि के दौरान प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे होने वाली भोग आरती दोपहर 2 बजे दोपहर में होगी. संध्या पूजन शाम 5 बजे के जगह अब 3 बजे होगा होगी. रात्रि में महनिशा काल में अलग-अलग प्रकार से भगवान महाकाल की पूजा की जाएगी
महाकालेश्वर जी का पंचामृत स्नानं और रुद्राभिषेक दर्शन….
नौ दिन में होंगे 9 श्रंगार
पहला दिन : चंद्रमोलेश्वर श्रंगार
दूसरा दिन: शेषनाथ शृंगार
तीसरा दिन: घटाटोप शृंगार
चौथा दिन: छबीना शृंगार
पांचवां दिन: होल्कर शृंगार
छठा दिन: मनमहेश शृंगार
सातवां दिन: उमा महेश शृंगार
आठवां दिन: शिव तांडव शृंगार
नवें दिन: भगवान दूल्हा रूप में दर्शन देंगे
नौवें दिन होगा ये खास शृंगार
नौ और आखिरी दिन दूल्हा रूप में दर्शन देने का साथ बाबा महाकाल का सप्तधान रूप में शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे और इसके बाद दोपहर में भस्मारती होगी. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचेंगे.