उज्जैन । मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने रविवार को नागदा में हुए कारसेवक सम्मान समारोह में अपने संबोधन के दौरान माता सीता के जीवन की तुलना आधुनिक समय में परित्यक्ता के जीवन से की। डा यादव ने उनके धरती में समाने को लेकर भी बात कही और बोले कि आज की भाषा में इसे आत्महत्या कहा जाता है। इसके बाद उनके इस बयान का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। डा. यादव नागदा में कारसेवकों का सम्मान करने पहुंचे थे। इसी दौरान रामजी के जीवन में घटित घटनाओं पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सीता माता के बच्चों को जंगल में जन्म लेना पड़ा, वह माता इतने कष्ट के बावजूद भी पति के प्रति कितनी श्रद्धा करती है कि वह कष्टों को भूलकर भगवान राम के जीवन की मंगल कामना करती है। बच्चों को संस्कार देती है। आम तौर पर आज का समय हो तो यह तलाक के बाद का जीवन समझ लो आप। माता सीता के धरती में समाने को लेकर भी मंत्री यादव ने कहा कि पृथ्वी फट गई और माता उसमें समा गई। सरल और सरकारी भाषा में कहा तो उनकी पत्नी ने उनके सामने शरीर छोड़ा। आज इसे आत्महत्या के रूप में माना जाता है। इतने कष्ट के बावजूद भी भगवान राम ने जीवन कैसे बिताया होगा, जिस सीता के बिना एक क्षण भी कल्पना करना मुश्किल है…। इसके बावजूद भगवान राम ने राम राज्य के लिए अपना जीवन दिया।
मैंने त्याग और प्रेम की बात कही
मंत्री मोहन यादव ने कहा कि कार्यक्रम कारसेवकों के त्याग और संकल्प के सम्मान का था। इसलिए राम राज्य को लेकर मैंने कुछ बात कही। इसके मूल में राम, सीता का त्याग और प्रेम था। राम राज्य के लिए क्या-क्या त्याग करना पड़े, कष्ट उठाने पड़े, यह बता रहा था। मेरी बात को गलत तरीके से प्रसारित किया जा रहा है।