Saturday, July 27, 2024
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कौन बनेगा MP का नया सीएम, रेस में कई नाम

Bhopal News: MP में बीजेपी की बंपर जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए इन चेहरों की चर्चा है। बीजेपी अपनी आंधी में 230 में से 163 सीट जीतकर कांग्रेस को 66 सीटों पर समेट चुकी है।  बीजेपी का पूरे प्रदेश में परचम तो फहरा गया अब बारी मुख्यमंत्री बनने की है।  कौन होगा मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री। 6 महीने में लोकसभा चुनाव होना हैइसलिए उसी को ध्यान में रखते हुए नाम तय हो सकता है। 

सीएम पद की रेस में इस बार एक नहीं कई नाम हैं। जाहिर तौर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान का नाम इसमें सबसे आगे है। चुनाव पीएम मोदी के नाम पर लड़ा गया और वोट भी उनके नाम पर पड़े। लेकिन इस जीत में शिवराज सिंह चौहान की मेहनत भी रंग लायी। सीएम ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पूरे प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ 160 से ज्यादा सभाएं कीं। सबसे ज्यादा टिकट भी उन्हीं के समर्थकों को मिले और जीतकर भी वही आए। शिवराज सिंह चौहान अपने लंबे कार्यकाल में एक लोकप्रिय चेहरा हो गए।

CM ने कहा मैंने कभी पद के लिए काम नहीं किया

शिवराज सिंह चौहान भले ही कह रहे हैं कि मैं मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं। एक दिन पहले ही उन्होंने कहा- मैंने कभी पद के लिए काम नहीं किया। पार्टी ने मुझे जब जो कहा और जितना मुझमें सामर्थ्य था उस सामर्थ्य को झोंक कर ये सब काम पूरा करने का प्रयास किया। मैं मुख्यमंत्री पद का दावेदार ना पहले कभी रहा और ना आज हूँ। एक कार्यकर्ता के नाते पार्टी मुझे जो भी काम देगी उस काम को समर्पित भाव के साथ पार्टी के लिए करता रहूंगा।

ये नाम हैं रेस में

अब बाकी नामों में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा भी कतार में हैं। भोपाल से लेकर दिल्ली तक लॉबिंग हो रही है। वी डी शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय और प्रह्लाद पटेल दिल्ली में अमित शाह और नड्डा से मुलाकात कर चुके हैं। प्रह्लाद पटेल ओबीसी नेता भी हैं और संघ के नजदीकी भी। वो केंद्र में मंत्री हैं और प्रदेश में भी पार्टी के लिए काम कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव में अब 6 महीने से भी कम समय बचा है। ऐसा चेहरा चाहिए जो पार्टी औऱ जनता सबके बीच सर्वमान्य हो।इस बार पूरे प्रदेश के हर इलाके से बीजेपी जीतकर आयी है इसलिए प्रादेशिक संतुलन भी ध्यान में रखना होगा। साथ ही जातिगत मुद्दा अहम होगा।

शिवराज सक्रिय हैं

शिवराज सक्रिय हैं। मंगलवार को उन्होंने भोपाल में घूम कर रैनबसेरा का निरीक्षण किया और आज छिंदवाड़ा में हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। 2019 में बीजेपी ने 28 सीट लोकसभा की जीती थी। सिर्फ एक सीट कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा रह गयी थी। बीजेपी ने अभी से छिंदवाड़ा सीट जीतने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया

मौजूदा सीएम शिवराज के अलावा मुख्यमंत्री पद के लिए जिन नामों की चर्चा है उनमें केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी है। सिंधिया की वजह से ही 2020 में बीजेपी प्रदेश में सत्ता में आयी थी। ग्वालियर चंबल में 2018 में बीजेपी 34 में से सिर्फ 7 सीट जीत पायी थी. बाद में उप चुनाव में कांग्रेस बीजेपी दोनों के 17-17 विधायक हो गए थे।लेकिन इस बार बीजेपी को 18 सीट मिलीं। सिंधिया समर्थक प्रत्याशियों ने दिग्विजय समर्थक प्रत्याशियों को मात दी। सिंधिया का असर मालवा की कुछ सीटों पर भी । यहां भी बीजेपी को भारी सफलता मिली है।

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