राजस्थान | राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर कांग्रेस की जीत के बाद नव-निर्वाचित विधायक प्रमोद जैन भाया ने मंगलवार (25 नवंबर) को विधानसभा पहुंचकर सदस्यता की शपथ ली. शपथ ग्रहण के साथ ही सदन में कांग्रेस का संख्या बल बढ़कर 67 विधायक हो गया है, जिससे विपक्ष की ताकत और रणनीति दोनों को नया आधार मिलने की उम्मीद है |
कांग्रेस को मिला संख्या बल
प्रमोद जैन भाया के शपथ लेने के बाद कांग्रेस का दावा है कि पार्टी अब पहले से अधिक मजबूती से जनहित के मुद्दों को उठा सकेगी. 2023 के विधानसभा चुनाव में भाया मामूली अंतर से हार गए थे, लेकिन भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के बाद सीट खाली हुई और उपचुनाव में भाया ने शानदार जीत दर्ज की | कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाया के अनुभव और उनके क्षेत्र में पकड़ का फायदा पार्टी को सदन में मिलेगा. उनकी वापसी को कांग्रेस संगठन ने भी मजबूती का संकेत बताया है |
शपथ ग्रहण समारोह में रहे कई दिग्गज नेता
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने प्रमोद जैन भाया को सदस्यता की शपथ दिलवाई. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, कांग्रेस के कई विधायक और दल के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. शपथ के बाद विधानसभा परिसर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह का माहौल देखा गया | नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भाया के सदन में आने से विपक्ष और मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि जनहित के मुद्दों पर हमारी लड़ाई अब और ज़ोरदार होगी. हम एकजुट होकर सरकार को जवाबदेह बनाएंगे और जनता की आवाज को सदन में और प्रभावी तरीके से उठाएंगे |
जूली ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले बजट व अन्य सत्रों में कांग्रेस सरकार को विभिन्न मोर्चों पर घेरने की तैयारी कर रही है | अंता सीट पर कांग्रेस की जीत को प्रदेश में बदलते राजनीतिक समीकरणों से जोड़ा जा रहा है. भाजपा विधायक की सदस्यता रद्द होने के बाद हुए उपचुनाव ने कांग्रेस को न केवल एक सीट दिलाई, बल्कि संगठनात्मक तौर पर भी ऊर्जा प्रदान की है |
प्रमोद जैन भाया की विधानसभा में वापसी कांग्रेस के लिए उपयोगी साबित हो सकती है, क्योंकि वह पार्टी के अनुभवी चेहरों में गिने जाते हैं और क्षेत्र में उनकी गहरी पकड़ मानी जाती है |








