शास्त्री पार्क में यमुना ब्रिज के पास रह रहे लोगों ने अतिक्रमण रोधी अभियान से पहले अपनी झोपड़ियां खाली कर दीं. स्थानीय लोगों ने कहा कि हर चुनाव में राजनीतिक पार्टियां कहती हैं कि उनका स्लम नहीं हटाया जाएगा. लेकिन वे हमें परेशान करते हैं. एक वीडियो सामने आया है जिसमें लोग अपनी झोपड़ियों से सामान को निकालते और उन्हें बोरे में बंद कर ले जाते हुए नजर आए.
झुग्गी में रहने वाली एक महिला ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ''जबसे झुग्गी में रह रहे हैं तब से परेशान ही हैं. आज टूटेगा, कल टूटेगा ऐसा लगता है. गरीब इंसान को हर कोई परेशान करता है. कोई भी आता है हमें कहता है कि टूट जाएगा. तोड़ दीजिए, लेकिन हम जाएंगे कहां. हमारी अगर किराए पर रहने की हिम्मत होती हम चलें नहीं जाते यहां क्यों पड़े रहते.
सरकार हमें रहने का घर तो दे दे
पीड़ित महिला ने बताया, '' 2 मार्च को नोटिस आई है. एक घंटे पहले आए थे कि सामान निकाल लो अपना. हमारी सरकार से ये मांग है हमें भगाना चाहते हैं तो ये बताएं कि हम जाएं तो कहां जाएं. हमारे हस्बैंड रिक्शा चलाते हैं. सरकार हमें कुछ देना नहीं चाहती है तो कम से कम चैन से तो रहने दे.''
हम दोबारा दिखे तो गोली मार देना
शबीना नाम की महिला ने बताया कि दो मार्च को नोटिस आया और आज सुबह पुलिस वाले बोलकर गए हैं कि झोपड़ी खाली कर दो. सरकार से यह कहना चाहती हूं कि हर सरकार ने कहा है कि झुग्गी नहीं टूटेगी तो फिर चुनाव बाद क्यों परेशान किया जा रहा है. हमारी कोई मांग नहीं है. यहां से कहते हैं कि वोट नहीं पड़ता. यहां तो कोई लाइट और मीटर नहीं है. बिना बिजली बिल आईडी नहीं बनती. सरकार से मांग है कि हम गरीबों को लोन ही दे दे. 3 से 4 लाख लोन दे दो तो हम ठिकाना कर लें. लेकिन लोन बिना ब्याज के दो. इसके बाद भी अगर हम झुग्गी में दिखें तो हमें गोली मार देना.