पटना: भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजीव हंस के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के कार्यकाल में उनके निजी सचिव के रूप में उपभोक्ता निवारण आयोग से अनुकूल फैसला दिलाने के एवज में मुंबई की एक फर्म से एक करोड़ की रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं।
आरोप संजीव हंस के दोस्त विपुल बंसल के स्वीकारनामे के आधार पर लगाया गया
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने अभियोजन शिकायत में यह आरोप लगाया है। आरोप संजीव हंस के मित्र विपुल बंसल के स्वीकारनामे के आधार पर लगाया गया है। बंसल उस वक्त संबंधित फर्म में कार्यरत थे।
रिश्वत की रकम संजीव हंस के एक परिचित शादाद खान के माध्यम से भुगतान की गई थी। बता दें कि एनसीडीआरसी उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के तहत काम करता है। रामविलास पासवान 2014 से 2019 के बीच इस विभाग को संभाल रहे थे। हंस पासवान के निजी सचिव थे। हालांकि, ईडी इस मामले में आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने से बच रही है।