बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को संपन्न हुई, जिसमें रिकॉर्ड मतदान दर्ज किया गया। इस घटना ने पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना दिया है। जन सुराज पार्टी के प्रमुख और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस रिकॉर्ड वोटिंग के पीछे दो मुख्य कारण बताए हैं। उन्होंने दावा किया कि आजादी के बाद से बिहार में यह सबसे उच्च मतदान प्रतिशत है।
प्रशांत किशोर के अनुसार, बड़ी वोटिंग के दो प्रमुख कारण हैं। पहला, लोगों के मन में सत्ता परिवर्तन की चाह। दूसरा, प्रवासी मजदूरों का चुनावी असर। पीके ने कहा कि करीब 2 करोड़ 10 लाख से अधिक लोगों ने मतदान किया और यह स्पष्ट संकेत है कि जनता बदलाव चाहती है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रवासी मजदूरों ने सक्रिय होकर अपने क्षेत्रों में वोटिंग को बढ़ावा दिया और बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले 25-30 सालों में बिहार में कई बार चुनावों में उदासीनता रही, लेकिन इस बार जनता ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इससे यह साबित होता है कि राज्य में बदलाव की मजबूत लहर है।
प्रशांत किशोर ने यह भी उल्लेख किया कि जन सुराज पार्टी के आने से जनता को एक वैकल्पिक विकल्प मिला। उन्होंने कहा कि इस बार जनता ने बदलाव के लिए मतदान किया, और प्रवासी मजदूरों ने अपने परिवार और परिचितों से भी वोटिंग सुनिश्चित करवाई। पीके ने यह भी चेताया कि प्रवासी मजदूर इस चुनाव में एक्स फैक्टर साबित हुए हैं, और केवल पैसों या योजनाओं से मतदाताओं को प्रभावित नहीं किया जा सकता।









