दिल्ली धमाकों के बाद राजस्थान में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने राज्यभर में साइबर पेट्रोलिंग को मजबूत किया है और सीमावर्ती व संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी बढ़ाई गई है।
बता दें कि इस बीच सांचौर (जालोर) से पकड़े गए मौलवी ओसामा को चार दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। जांच एजेंसियों का मानना है, ओसामा के मोबाइल फोन से कई अहम सुराग मिल सकते हैं, जो राज्य में सक्रिय संभावित आतंकी नेटवर्क का खुलासा कर सकते हैं।
गुजरात ATS द्वारा हाल ही में गिरफ्तार किए गए तीन आतंकियों से पूछताछ के दौरान राजस्थान कनेक्शन सामने आने के बाद जांच की दिशा बदल गई है। अब राजस्थान ATS यह पड़ताल कर रही है कि कहीं राज्य में कोई स्लीपर सेल तो सक्रिय नहीं है।
ATS के आईजी के मुताबिक, गुजरात में पकड़े गए आतंकियों से जुड़े नेटवर्क की कड़ियां राजस्थान में भी तलाश की जा रही हैं। उन्होंने कहा, सीमावर्ती इलाकों से ड्रोन के जरिए हथियार और अवैध सामान की तस्करी की घटनाओं पर पहले भी कार्रवाई की गई है। लेकिन हालिया घटनाक्रम के बाद निगरानी को और सख्त किया गया है।
आईजी ने कहा, यह जांच का विषय है कि क्या आईएसआईएस या किसी अन्य आतंकी संगठन का नेटवर्क राजस्थान में सक्रिय है। अभी इस पर निश्चित रूप से कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन ATS इस दिशा में गहराई से जांच कर रही है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि हथियार तस्करी में मौलवी ओसामा की क्या भूमिका रही और क्या वह किसी स्लीपर मॉड्यूल से जुड़ा था।
एजेंसी को फिलहाल ओसामा के मोबाइल की फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है। जांचकर्ताओं का मानना है कि रिपोर्ट मिलने के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि वह किन अंतरराष्ट्रीय संपर्कों में था और क्या उसका संबंध अफगानिस्तान या पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों से था। रिपोर्ट के आधार पर ATS आगे की कार्रवाई तय करेगी।









