जैसलमेर: राजस्थान में तीन दिन पहले हुए जैसलमेर बस हादसे के बाद राजस्थान परिवहन विभाग ने राज्यभर में संचालित एसी स्लीपर बसों की जांच का बड़ा अभियान शुरू किया है। हादसे के बाद सामने आई तकनीकी खामियों को देखते हुए विभाग ने अब बस बॉडी निर्माण करने वाली कंपनियों पर भी निगरानी बढ़ा दी है। बता दें कि तीन दिन पहले हुए इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।
अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) ओ.पी. बुनकर ने बताया कि राजस्थान में कुल 3200 एसी स्लीपर बसें पंजीकृत हैं। इनमें से अब तक लगभग 1400 बसों की जांच पूरी की जा चुकी है, जबकि 162 बसों को नियमों के उल्लंघन पर जब्त किया गया है। बुनकर ने कहा कि फिलहाल जैसलमेर में 5 बसों को सीज किया गया है, जो तय मानकों के विपरीत संचालन कर रही थीं।
बस बॉडी बनाने वाली कंपनियों की होगी जांच
विभाग ने बस बॉडी निर्माण में गड़बड़ी रोकने के लिए विशेष मॉनिटरिंग कमेटी गठित की है। यह कमेटी उन वर्कशॉप्स और फैक्ट्रियों का निरीक्षण करेगी, जहां बसों की बॉडी तैयार की जाती है। बताया जा रहा है कि हादसे में जली बस में कई गंभीर तकनीकी कमियां थीं — इमरजेंसी गेट छोटा बनाया गया था, बस की लंबाई निर्धारित सीमा से ज्यादा थी और पर्दों में ज्वलनशील सामग्री का इस्तेमाल हुआ था।
उच्चस्तरीय समिति करेगी जांच
राज्य सरकार ने हादसे की गहराई से जांच के लिए पाँच सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता अपर परिवहन आयुक्त ओ.पी. बुनकर कर रहे हैं। समिति में विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारी और राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के दो इंजीनियर शामिल हैं। यह टीम पूरे मामले की तकनीकी और प्रशासनिक जांच कर रही है।
पुणे की एजेंसी करेगी तकनीकी निरीक्षण
हादसे के वास्तविक कारणों की पहचान के लिए सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT), पुणे की टीम भी जैसलमेर आने वाली है। यह एजेंसी बस के स्ट्रक्चर, इमरजेंसी सिस्टम और सेफ्टी फीचर्स का मूल्यांकन करेगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
केके ट्रैवल्स की बसें जांच के घेरे में
विभागीय टीम ने केके ट्रैवल्स के यार्ड का भी निरीक्षण किया, जहां 66 बसें खड़ी मिलीं। इनमें से 35 बसों की जांच की गई, जिनमें 10 बसों में बॉडी निर्माण से जुड़ी गंभीर खामियां पाई गई हैं। परिवहन विभाग इन वाहनों पर आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।