आंदोलन: गुरुवार को प्रदेश भर के करीब 25 हजार से अधिक कर्मचारियों ने अर्ध नग्न प्रदर्शन कर निगम प्रबंधन के खिलाफ विरोध जताया। राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश व्यापी आह्वान पर 13 सूत्री मांग पत्र को लेकर राजस्थान की राजधानी जयपुर के जगतपुरा स्थित सीबीआई फाटक के पास शुरू हुआ महापड़ाव गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रहा। राजस्थान विधुत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने मांगें पूरी नहीं होने तक व लिखित आदेश जारी नहीं होने तक महापड़ाव जारी रखने का निर्णय लिया। राजस्थान राज्य विधुत मंत्रालयिक संघ के प्रदेश भर के कर्मचारी भी महापड़ाव के समर्थन में कार्य बहिष्कार किया।
प्रदेशाध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि हजारों कर्मचारी जयपुर में आन्दोलनरत हैं। पहले दौर की वार्ता में कोई ठोस आदेश नहीं देने के कारण महापड़ाव जारी रहा। गुरुवार को 25 हजार से अधिक तकनीकी कर्मचारियों, मंत्रालयिक कर्मचारियों, फॉल्ट रिमूव टीम के भी सैकड़ों कर्मचारियों ने अर्ध नग्न प्रदर्शन किया। वहीं, आंदोलन के समर्थन में प्रदेश भर के सैकड़ों नए कर्मचारी जयपुर पहुंच रहे हैं। वहीं, बेजोड़ ने भी आंदोलन को सर्मथन देते हुए 25 अगस्त से सामूहिक अवकाश पर रहने का निर्णय लिया। इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारिणी के शंकरलाल सैनी, डी एल नागर, रामप्रकाश जाट, रामनारायण खोखर, मीडिया प्रभारी रमेश पंवार, बी एल डिंडोर, आतिश मीना, विष्णु गौतम, मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष लिखमाराम जाखड़ सहित, frt के प्रदेश अध्यक्ष सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
इन मांगों को लेकर डाला जा रहा है महापड़ाव
21 से जयपुर में होने वाले महापड़ाव में पुरानी पेंशन की विसंगती को दूर करने की मांग के साथ-साथ एक निगम से दूसरे निगम में स्थानांतरण करने, नये कैडर का ऑप्शन ले चुके टेक्नीकल हेल्पर कर्मचारियों के 2400 एवं 2800 ग्रेड पे के जयपुर डिस्कॉम की भांति फिक्सेशन डेट ऑफ ज्वाइनिंग से करने, दिसम्बर 2015 में हुई टूल डाउन हड़ताल से पीड़ित प्रसारण निगम के कर्मचारियों के विरूद्ध की गई समस्त दमनात्मक कार्यवाहियों को निरस्त करने, नए कैडर में ऑप्शन ले चुके डिप्लोमाधारी तकनीकी कर्मचारियों को पुराने केडर में 01.04.2018 व 01.04.2019 की स्थिति में प्रमोशन दिलाने, हेल्पर द्वितीय की ग्रेड पे 1750 या 1850 से बढ़ाकर 2000 करने, आरजीएचएस स्कीम को विधुत निगमों में भी राज्य सरकार के अन्य विभागों के समान तरीके से लागू करने, आउटडोर की लिमिट राशि को राज्य सरकार के विभागों की तरह अनलिमिटेड करने, 01.01.2004 से पूर्व में नियुक्त कार्मिकों एवं विधुत निगम पेंशनरों को भी आरजीएचएस स्कीम की सुविधा राज्य सरकार के कार्मिकों की भांति दिलाने, हार्डड्यूटी अलॉउंस राशि दिलाने, बिजली कर्मचारियों के लिए बिजली फ्री करने, 12वीं पास अनुकंपा नियुक्ति कर्मचारियों को एलडीसी बनाया जाने, विद्युत निगमों में कनिष्ठ अभियंता द्वितीय की पोस्टों को पुनर्जीवित करके अन्य विभागों की भांति डिप्लोमा होल्डर तकनीकी कर्मचारियों को पदोन्नति देने, मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार एफआरटी टीम एवं जीएसएस संचालन के लिए लगाए गए कर्मचारियों को ठेकेदारी से मुक्त करके संविदा पर लगाने, सीनियर इंजिनियरिंग सुपरवाईजर का पद पुनर्जिवीत कर सृजित करने, प्रसारण निगम में प्रत्येक 132 केवी जीएसएस पर इंजिनियरिंग सुपरवाईजर का पद सृजित करने की मांग रखी।